- BY:RF competition (229)
- 0
- 1450
सिंधु नदी: का उद्गम कैलाश पर्वत में वह 'बोखर चू' के पास एक हिमनद से हुआ है। इस नदी को तिब्बत में 'शेर मुख' या 'सिंगी खंबान' के नाम से जाना जाता है। सिंधु नदी उद्गम के बाद लद्दाख तथा जास्कर श्रेणियों के मध्य से प्रवाहित होकर 'दमचोक' के पास से भारत में प्रवेश करती है। यह लद्दाख तथा गिलगित से प्रवाहित होने के दौरान गार्ज का निर्माण करती है। इसके बाद यह दर्दिस्तान में चिल्लड़ के निकट पाकिस्तान में प्रवेश करती है। सिंधु नदी की लंबाई 28,80 किलोमीटर है। इसमें से भारत में सिंधु की कुल लंबाई 11,14 किलोमीटर है। सिंधु नदी की अनेक सहायक नदियाँ हैं। उदाहरण - गिलगित, श्योक, काबुल, शिगार, पंचनद, जास्कर इत्यादि। पंचनद के अंतर्गत पाँच नदियाँ आती हैं ये नदियाँ हैं - झेलम, चिनाब, रावी, व्यास, सतलुज। इसकी अन्य सहायक नदियाँ - कुर्रम, तोची, गोमल, संगर और विबोआ है। ये सभी नदियाँ सुलेमान पर्वत से निकलती है। पंचनद नदियाँ आपस में मिलकर पाकिस्तान में 'मीथनकोट' के पास सिंधु नदी से मिलती हैं। सिंधु नदी का मुहाना अरब सागर में है। यह नदी भारत में केवल लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र से प्रवाहित होती है। इस नदी के दाएँ तट पर भारत का लेह स्थित है। सिंधु नदी जल समझौते के अनुसार भारत विसर्जन क्षमता का केवल 20% भाग ही उपयोग कर सकता है। यह समझौता विभाजन के पश्चात सन् 1960 में हुआ था।
Read more