राष्ट्रभाषा जहाँ अन्य भाषा-भाषी राज्यों के बीच सेतु का काम करती है वहीं राजभाषा, राज्य के प्रशासनिक काम-काज को भाषा है।
राजभाषा – वह भाषा जो किसी राज्य के कामकाज की भाषा हो जिससे किसी राज्य के प्रशासनिक कार्य, लेनदेन, व्यवहार, व्यापार आदि होते हों, वह राजभाषा कहलाती है।
राष्ट्र भाषा– वह भाषा जो किसी देश के समस्त भागों, प्रांतों की भाषा हो और सभी प्रांतों एवं समुदायों को एक सूत्र में बाँधने का कार्य करती हो राष्ट्रभाषा कहलाती है।
राष्ट्रभाषा का दायरा बहुत विस्तृत होता है यह पूरे देश की भाषा केवल एक भाषा होती है।
राष्ट्रभाषा जहाँ अन्य भाषा-भाषी राज्यों के बीच सेतु का काम करती है वहीं राजभाषा, राज्य के प्रशासनिक काम-काज को भाषा है। राजभाषा अधिनियम के अनुसार क्षेत्रीय भाषा के साथ-साथ हिन्दी में अनुवाद स्वीकार होता है। राजभाषा से तात्पर्य है, जो राजकीय व्यवहार की भाषा हो। किसी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिल जाने पर उसका महत्व बढ़ जाता है। शासकीय सेवा में उस भाषा का ज्ञान आवश्यक होता है।
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. समास के प्रकार, समास और संधि में अन्तर
2. संधि - स्वर संधि के प्रकार - दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि
3. वाक्य – अर्थ की दृष्टि से वाक्य के प्रकार
4. योजक चिह्न- योजक चिह्न का प्रयोग कहाँ-कहाँ, कब और कैसे होता है?
5. वाक्य रचना में पद क्रम संबंधित नियम
6. कर्त्ता क्रिया की अन्विति संबंधी वाक्यगत अशुद्धियाँ
उदाहरण स्वरूप तमिलनाडु में तमिल और महाराष्ट्र में मराठी राजभाषाएँ हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, उत्तरप्रदेश आदि में हिन्दी ही राजभाषा है। उनका सरकारी पत्र व्यवहार हिन्दी में होता है।
आशा है, उपरोक्त जानकारी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण होगी।
धन्यवाद।
RF Temre
infosrf.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
Watch related information below
(संबंधित जानकारी नीचे देखें।)
Comments