बुन्देलखण्ड (जेजाकभुक्ति) का चन्देल वंश | Chandela Dynasty Of Bundelkhand (Jejakabhukti)
बुन्देलखण्ड (जेजाकभुक्ति) में 9वीं शताब्दी के दौरान नन्नुक नामक व्यक्ति ने चंदेल वंश की स्थापना की थी। उसने 'खजुराहो' को अपनी राजधानी बनाया थी।
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Read more7वीं शताब्दी के दौरान वासुदेव ने शाकंभरी में चौहान वंश की स्थापना की थी। चौहान वंश के प्रमुख शासक 1. अजयराज 2. विग्रहराज चतुर्थ (वीसलदेव) 3. पृथ्वीराज तृतीय थे।
Read moreचंद्रदेव ने 'महाराजाधिराज' नामक उपाधि धारण की थी। गहड़वाल वंश के प्रमुख शासक निम्नलिखित थे– 1. गोविन्दचन्द्र 2. जयचन्द।
Read moreप्राचीन भारत के प्रमुख संवत् - 1. विक्रम संवत् 2. शक संवत् 3. गुप्त संवत् 4. वल्लभी संवत् 5. कलचुरि-चेदि संवत् 6. हर्ष संवत् हैं।
Read moreप्राचीन विश्वविद्यालय– तक्षशिला, नालंदा, वल्लभी, विक्रमशिला थे। यहाँ पर निम्नलिखित विद्वानों ने शिक्षा प्राप्त की थी–1. आचार्य चाणक्य 2. प्रसेनजित 3. जीवक और 4. वसुबंधु।
Read moreगुर्जर प्रतिहार वंश के महत्वपूर्ण शासक नागभट्ट प्रथम, वत्सराज, मिहिरभोज प्रथम, महेंद्रपाल प्रथम और महिपाल प्रथम हैं।
Read moreछठी शताब्दी ईस्वी के पश्चात् उत्तर भारत में अधिकांशतः राजपूत राजवंश के शासकों ने शासन किया।
Read moreभारतवर्ष के कश्मीर पर शासन करने वाले महत्वपूर्ण राजवंश निम्नलिखित हैं- 1. कार्कोट राजवंश 2. उत्पल राजवंश 3. लोहार राजवंश हैं।
Read moreकश्मीर में हिंदू शासकों का शासन रहा है। इन हिंदू शासकों और उनके राज्यों के विषय में 'राजतरंगिणी' में लिखा गया है।
Read moreभारतवर्ष के बंगाल से पाल वंश का पतन होने के बाद सेन राजवंश के शासकों का शासन आरंभ हुआ। यह बंगाल का महत्वपूर्ण राजवंश है।
Read moreपाल शासकों का शासन संपूर्ण बंगाल, कन्नौज और बिहार में विस्तृत था और सीमाएंँ खाड़ी से लेकर दिल्ली तक एवं जालंधर से लेकर विंध्य पर्वत तक फैली हुई थीं।
Read moreभारतवर्ष से सम्राट हर्षवर्धन का शासन समाप्त होने के बाद कन्नौज विभिन्न शासकों की शक्तियों का केंद्र बन गया।
Read moreसम्राट हर्षवर्धन ने 606 से 647 ईसवी तक शासन किया। जब उन्होंने थानेश्वर के प्रशासन को अपने हाथ में लिया तब उनकी आयु केवल 16 वर्ष थी।
Read moreगुप्त राजवंश का पतन होने के पश्चात कुछ नए राजवंशों का उदय हुआ। इनमें से प्रमुख राजवंश निम्नलिखित हैं- पुष्यभूति राजवंश, मैत्रक राजवंश, मौखरि राजवंश आदि।
Read moreमध्य प्रदेश की पुरातात्विक विरासतों में भीमबैटका, डाँगवाला, एरण, कायथा, बेसनगर, नावदा टोली, आदमगढ़, इन्द्रगढ़, आवरा आदि स्थल हैं।
Read moreशकों का मूल निवास सीरिया था। ये बोलन दर्रे से भारत में आए थे। शकों को 'सीथीयन' भी कहा जाता है।
Read moreगुप्त वंश अपने आरंभिक काल में वर्तमान उत्तर प्रदेश तथा बिहार तक सीमित था। इन शासकों का उत्तर प्रदेश में अधिक महत्व था।
Read moreचार्टर अधिनियम (1813)- इस अधिनियम को 'ईस्ट इंडिया कंपनी' ने लाया था। इसके अंतर्गत कंपनी के भारत के साथ व्यापार करने के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया।
Read moreसर्वप्रथम हिंद-यूनानी अथवा बैक्ट्रियाई-यूनानी शासकों ने आक्रमण किया। भारत के कुछ क्षेत्रों पर विजय प्राप्त कर ली।
Read moreसातवाहन वंश का संस्थापक 'सिमुक' था। उसने अंतिम कण्व शासक सुशर्मन की हत्या कर आंध्र-सातवाहन वंश की नींव डाली थी।
Read moreभारतीय इतिहास के कण्व वंश का संस्थापक 'वसुदेव' था। मगध पर इस वंश के शासकों ने 75 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व तक शासन किया।
Read moreमौर्य वंश के अंतिम शासक 'बृहद्रथ' की हत्या कर उसके सेनापति 'पुष्यमित्र शुंग' ने मगध में एक नए वंश 'शुंग वंश' की स्थापना की।
Read moreमौर्य साम्राज्य हमारे प्राचीन भारत का गौरव है। मौर्य वंश के महान शासकों ने भारत पर शासन किया है।
Read moreप्राचीन भारत में 16 महाजनपद थे। इन महाजनपदों में 4 महाजनपद मगध, कोशल, वत्स व अवंती सबसे अधिक शक्तिशाली थे। इन चारों में भी 'मगध महाजनपद' सबसे अधिक शक्तिशाली था।
Read moreबौद्ध धर्म की स्थापना 'गौतम बुद्ध' ने की थी। बुद्ध शब्द का शाब्दिक अर्थ 'प्रकाशमान' या 'जाग्रत' होता है।
Read moreजैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए। जैन धर्म की स्थापना जैनियों के प्रथम तीर्थंकर 'ऋषभदेव' (आदिनाथ) ने की थी। जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक 'वर्धमान महावीर' थे।
Read moreसिकंदर ने झेलम तथा चिनाव के मध्यवर्ती क्षेत्र पंजाब के शासक 'पोरस' पर आक्रमण कर दिया। इस युद्ध को 'हाइडेस्पीच या झेलम (वितस्ता) का युद्ध' कहा जाता है। इस युद्ध मे पोरस को हार तथा सिकंदर को जीत प्राप्त हुई। सिकंदर ने पोरस को बंदी बना लिया। उसके पश्चात उसने पोरस से पूछा कि उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाए। तब पोरस ने भारतीय पौरूष को प्रमाणित करते हुए कहा कि तुम मेरे साथ वही व्यवहार करो जो कि, ''एक राजा दूसरे राजा के साथ करता है।''
Read moreवैदिक सभ्यता के पश्चात छठी शताब्दी ईसा पूर्व के लगभग लोग छोटे-छोटे समूहों में नदियों के किनारे बसने लगे थे, इन स्थानों को 'जनपद' कहा जाता है। ये लोग 'आर्य' कहलाते हैं। Arya literally means 'superior (shreshtha)' . Districts have developed only due to mutual merger of Aryan castes. Large and powerful districts are called 'Mahajanapada'
Read moreगणतंत्र में राजस्व पर प्रत्येक कबीलाई कुलीन का अधिकार हुआ करता था। (In the Republic, every tribe of nobles held authority over the revenue.) उसे 'राजा' के नाम से जाना जाता था। प्रत्येक गणतंत्र शासन में राजा अपने सेनापति के अधीन सेना का प्रबंध करता था। गणतंत्र में 'ब्राम्हण' प्रभावशाली नहीं थे। इस व्यवस्था में कुलीनों की समिति के अंतर्गत कार्य किया जाता था। महात्मा बुद्ध के समय में गंगा घाटी में कई 'गणतंत्रों' के होने के प्रमाण प्राप्त होते हैं।
Read moreमध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन, नेमावर, मोजावाड़ी, छनेरा, महेश्वर, देहगाँव, हंडिया, कबरा, बरखेड़ा, सिघनपुर, पचमढ़ी, आजमगढ़, होशंगाबाद, सागर एवं मंदसौर की अनेक स्थानों पर इन लोगों की निवास करने के प्रमाण प्राप्त हुए हैं। इस काल के लोगों में कलात्मक अभिरुचि थी। होशंगाबाद के पास की गुफाओं, भोपाल के पास भीमबेटका की कंदराओं और सागर के पास पहाड़ियों से शैलचित्र प्राप्त हुए हैं, जो कि उनकी कलात्मक अभिरुचि के प्रमाण हैं। शैलचित्र मंदसौर की शिवनी नदी के निकट की पहाड़ियों, रायसेन, नरसिंहगढ़, पन्ना, रीवा, आजमगढ़, रायगढ़ तथा अंबिकापुर के कंदराओं में प्राप्त हुए हैं।
Read moreवैदिक सभ्यता (Vedoc Civilization) – भारतवर्ष में सिंधु सभ्यता के बाद जिस सभ्यता का प्रादुर्भाव हुआ, उसे 'वैदिक सभ्यता' कहा जाता है। इसे 'आर्य सभ्यता' भी कहते हैं। इस सभ्यता में वेदों का विशेष महत्व है। वेदों की संख्या 4 है - ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। इनमें से 'ऋग्वेद' सबसे प्राचीन है।
Read moreहड़प्पाई (सिन्धु) लिपि – हड़प्पा की लिपि सेलखड़ी की आयताकार मुहरों, ताँबे की गुटिकाओं आदि पर प्राप्त होते हैं। इस लिपि में लगभग 64 मूल चिन्ह प्राप्त हुए हैं। इस लिपि का सबसे प्राचीन नमूना सन् 1853 ई. में प्राप्त हुआ था। कुछ सालों बाद सन् 1923 ई. तक यह पूरी लिपि प्रकाश में आ गई थी। यह लिपि पिक्टोग्राफ अर्थात् चित्रात्मक थी।
Read moreहड़प्पा : सिंधु घाटी सभ्यता की खोज में सर्वप्रथम इसी नगर को खोजा गया था। इसकी खोज सन् 1921 ई. में की गई थी। यह नगर रावी नदी के बाएँ तट पर स्थित है। यह वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मोंटगोमरी जिले में है। 'स्टुअर्ट पिग्गट' नामक विद्वान ने इसे 'अर्द्ध औद्योगिक नगर' कहा है। उन्होंने हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो को 'एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वाँ राजधानी' कहा है। हड़प्पा के निवासियों का एक बड़ा भाग तकनीकी उत्पाद, व्यापार तथा धर्म के कार्यों में संलग्न रहा करता था। नगर की रक्षा हेतु पश्चिम दिशा की ओर दुर्ग का निर्माण किया गया था। यह दुर्ग 415 मीटर लंबा एवं 195 मीटर चौड़ा है। जिस टीले पर यह दुर्ग बना है उसे 'व्हीलर' नामक विद्वान ने 'माउंट ए बी' कहा है।
Read moreवेद : वेदों की संख्या चार है - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद।
Vedas: The number of Vedas is four - Rigveda, Yajurveda, Samaveda and Atharvaveda .
ऋग्वेद : यह सबसे प्राचीनतम वेद है। यह ऋचाओं से बद्ध है। इसमें कुल 10 मंडल, 1028 सूक्त, 10,580 ऋचाएँ हैं। इस वेद का अध्ययन करने वाले ऋषि को 'होतृ' कहा जाता है। ऋग्वेद के दो ब्राह्मण ग्रंथ हैं : ऐतरेय एवं कौषितकी अथवा शंखायन। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा ऋग्वेद को विश्व मानव धरोहर के साहित्य में सम्मिलित किया गया है।
Read moreअभिलेख पाषाण शिलाओं, स्तंभों, ताम्रपत्रों, दीवारों तथा प्रतिमाओं पर उत्कीर्ण हैं। विश्व के सबसे प्राचीन अभिलेखों में मध्य एशिया के बोगाज़कोई से प्राप्त अभिलेख हैं। इन पर वैदिक देवताओं के नाम मिलते हैं। इनसे ऋग्वेद की तिथि ज्ञात की जा सकती है।
Read more1. मेसोपोटामिया सभ्यता : यह सभ्यता 'टिगरिस' एवं 'यूफरेटस' नदियों के तट पर विकसित हुई थी।
2. मिस्र सभ्यता : यह सभ्यता 'नील' नदी के तट पर विकसित हुई थी।
3. सिंधु सभ्यता : यह सभ्यता 'सिंधु' नदी के तट पर विकसित हुई थी।
4. चीनी सभ्यता : यह सभ्यता 'ह्वांग - हो' नदी (पीली नदी) के तट पर विकसित हुई थी।
सिंधु सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता के शहरों का निर्माण 4700 साल पहले (2700 ईसा पूर्व) हुआ था। इस सभ्यता को 'हड़प्पा सभ्यता' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि हड़प्पा इस सभ्यता का एक शहर था और इसकी खोज सबसे पहले हुई थी। अतः बाद में इस तरह के मिलने वाले इस तरह के सभी पूरास्थलों में जो इमारतें प्राप्त उन्हें हड़प्पा सभ्यता की इमारत कहा गया। सिंधु सभ्यता के नगर पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत, भारत के राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा प्रांतों में मिले हैं। पुरातत्वविदों को इन सभी स्थलों में कई वस्तुएं मिली हैं। उदाहरण - मिट्टी के बर्तन, इन बर्तनों पर काले रंग के चित्र बने हुए थे, मुहरे, मनके, पत्थर के बाट, ताँबे के उपकरण, पत्थर के लंबे ब्लेड आदि।
The Indus civilization is one of the oldest civilizations in the world. The cities of this civilization were built 4700 years ago (2700 BC) . This civilization is also known as 'Harappan civilization' , as Harappa was a city of this civilization and was first discovered. Therefore, later, the buildings which were found in all such complete sites were called as Harappan civilization buildings. The cities of the Indus civilization have been found in Sindh and Punjab provinces of Pakistan, Rajasthan, Gujarat, Punjab and Haryana provinces of India. Archaeologists have found many objects in all these sites. Examples - Pottery, black images were made on these utensils, faces, beaded, stone weights, copper tools, long stone blades etc.
Read moreऐसा माना जाता है कि पूर्व मध्यकाल में देश के उत्तरी और दक्षिणी भाग के राज्यों के बीच निकटता बढ़ी थी। इस निकटता 3 प्रमुख कारण थे।
(1) दक्षिण भारत के उत्तरी भाग के राज्यों ने अपने राज्य अधिकार को गंगा नदी की घाटी तक बढ़ाने का प्रयत्न किया।
(2) दक्षिण भारत में शुरू हुए धार्मिक आंदोलन उत्तर भारत में भी लोकप्रिय हो गए।
(3) दक्षिण भारत के विभिन्न शासकों ने धार्मिक कर्मकांडों और अध्ययन अध्यापन के लिए उत्तर भारत के ब्राह्मण वर्ग को दक्षिण भारत में बसने के लिए आमंत्रित किया।
दक्षिण भारत में आने वाले ब्राह्मणों को भूमि प्रदान की गई, परिणाम स्वरुप विशाल भारत देश के दोनों भागों के राज्यों के बीच निकटता बढ़ने लगी। उत्तर और दक्षिण भारत के राज्य उस प्रकार अलग-अलग नहीं रहे जिस प्रकार से वे प्राचीन काल में थे।
आठवीं शताब्दी में दक्षिण (भारत विंध्य पर्वत के आने का भारत) अनेक छोटे-छोटे राज्यों में बँट गया था। इनमें प्रमुख राजवंश थे- पल्लव, राष्ट्रकूट, चालुक्य, चोल और पाण्डय।
परिचय- यह एक कांस्ययुगीन सभ्यता है। इसका उद्भव ताम्रपाषाण काल में भारत के पश्चिमी भाग में हुआ था। इसका विस्तार पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में भी है।
It is a Bronze Age Civilization. It originated in the western part of India, during the Tamrapolithic period.