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कश्मीर के इतिहास का ग्रंथ- कल्हण कृत राजतंरगिणी || The book on the history of Kashmir- Rajatargini by Kalhan

कश्मीर में हिंदू शासकों का शासन रहा है। इन हिंदू शासकों और उनके राज्यों के विषय में 'राजतरंगिणी' में लिखा गया है। इस ग्रंथ की रचना 'कल्हण' ने की थी। इतिहास की महत्वपूर्ण रचनाओं में राजतरंगिणी का अपना अलग महत्व है।

Kashmir has been ruled by Hindu rulers. About these Hindu rulers and their states have been written in 'Rajatarangini'. This book was composed by 'Kalhan'. Rajatarangini has its own importance in the important works of history.

भारतीय इतिहास का यह पहला ग्रंथ है जिसमें संस्कृत साहित्य में कश्मीर के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं को क्रमबद्ध तरीके से लिखने का प्रयास किया गया है। इस ग्रंथ में आदिकाल से लेकर 1151 ईसवी के आरंभ तक की कश्मीर की महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया गया है। इस अवधि के दौरान शासन करने वाले प्रत्येक शासक की जानकारी इस ग्रंथ में दी गई है।

This is the first book in Indian history in which an attempt has been made to write important events of the history of Kashmir in a systematic manner in Sanskrit literature. In this book, important events of Kashmir from the beginning of AD 1151 have been described. The information of each ruler who ruled during this period is given in this book.

इन 👇एतिहासिक महत्वपूर्ण प्रकरणों को भी पढ़ें।
1. मध्य प्रदेश की पुरातात्विक विरासत
2. भारतीय इतिहास के गुप्त काल की प्रमुख विशेषताएँ
3. आर्य समाज - प्रमुख सिद्धांत एवं कार्य
4. सम्राट हर्षवर्धन का राजवंश, प्रशासन, धर्म, साहित्य, उपलब्धियाँ और जीवन संघर्ष
5. कनौज पर शासन के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष
6. बंगाल का पाल वंश- गोपाल, धर्मपाल, देवपाल, महिपाल प्रथम, रामपाल
7. बंगाल का सेन वंश- विजयसेन, बल्लालसेन और लक्ष्मण सेन

राजतरंगिणी में कुल 8 तरंग हैं एवं लगभग 8000 श्लोक हैं। प्रथम तीन तरंगों में कश्मीर के प्राचीन इतिहास का वर्णन प्राप्त होता है। चौथे, पाँचवें और छठे चरण में कश्मीर के कार्कोट व उत्पल राजवंश की जानकारी प्राप्त होती है। अंतिम दो तरंगों में कश्मीर के लोहार वंश का उल्लेख मिलता है।

Rajatarangini has total 8 tarangs and about 8000 verses. The description of the ancient history of Kashmir is found in the first three waves. Information about the Karkot and Utpal dynasty of Kashmir is obtained in the fourth, fifth and sixth phases. The last two waves refer to the Blacksmith dynasty of Kashmir.

यह इतिहास का महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें कल्हण ने बिना कोई पक्षपात किये प्रत्येक शासक के गुणों एवं अवगुणों का वर्णन किया है। इसलिए आधुनिक समय के अधिकतर इतिहासकारों ने इस ग्रंथ के साक्ष्यों के आधार पर इतिहास लेखन किया है। राजतरंगिणी भारतवर्ष के महत्वपूर्ण प्राचीन ग्रंथों में से एक है।

This is an important book of history. In this, Kalhan has described the merits and demerits of each ruler without any partiality. Therefore, most historians of modern times have written historiography on the basis of the evidences of this book. Rajatarangini is one of the important ancient texts of Bharatvarsha.

इन 👇एतिहासिक महत्वपूर्ण प्रकरणों को भी पढ़ें।
1. गुप्त साम्राज्य का इतिहास जानने के स्रोत
2. गुप्त शासक श्रीगुप्त, घटोत्कच और चंद्रगुप्त प्रथम
3. भारत में शक राजतंत्र- प्रमुख शासक
4. चक्रवर्ती सम्राट राजा भोज
5. समुद्रगुप्त एवं नेपोलियन के गुणों की तुलना
6. सम्राट हर्षवर्धन एवं उनका शासनकाल

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
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