प्राचीन भारत के प्रमुख संवत् | Major Eras/Samvat Of Ancient India
भारत के प्राचीन इतिहास के लेखों में अनेक तिथियों का उल्लेख किया गया है। ये सभी तिथियाँ किसी-न-किसी संवत् से संबंधित हैं। प्राचीन भारत के प्रमुख संवत् निम्नलिखित हैं–
1. विक्रम संवत्
2. शक संवत्
3. गुप्त संवत्
4. वल्लभी संवत्
5. कलचुरि-चेदि संवत्
6. हर्ष संवत्।
Many dates have been mentioned in the writings of ancient history of India. All these dates are related to one or the other Samvat. Following are the major eras of ancient India–
1. Vikram Samvat
2. Shaka era
3. Gupta era
4. Vallabhi Samvat
5. Kalchuri-Chedi Samvat
6. Harsh Samvat.
विक्रम संवत् की शुरुआत 57 ईसा पूर्व में की गई थी। कुछ इतिहासकारों का मानना है, कि विक्रम संवत् की शुरुआत उज्जैन के शासक विक्रमादित्य ने की थी। इस संवत् का आरंभ विक्रमादित्य ने शक शासकों पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में किया था। कुछ अन्य इतिहासकारों के अनुसार, विक्रम संवत् का आरंभ 'मालव गणराज्य' के द्वारा किया गया था। आगे चलकर गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त 'विक्रमादित्य' ने मालवा पर विजय प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने मालव शासकों के संवत् का नाम विक्रम संवत् रख दिया। अधिकांश इतिहासकारों का मत है, कि विक्रमादित्य ने ही विक्रम संवत् की शुरूआत की थी।
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Vikram Samvat was started in 57 BC. Some historians believe that Vikram Samvat was started by Vikramaditya, the ruler of Ujjain. This era was started by Vikramaditya to commemorate the victory over the Shaka rulers. According to some other historians, Vikram Samvat was started by 'Malav Republic'. Later on, the Gupta emperor Chandragupta 'Vikramaditya' conquered Malwa. After this he named the era of Malava rulers Vikram Samvat. Most historians are of the opinion that it was Vikramaditya who started the Vikram Samvat.
शक संवत् (Shaka Era/Samvat)
शक संवत् को शालिवाहन संवत् के नाम से भी जाना जाता है। इस संवत् का आरंभ 78 ईसवी में किया गया था। सम्राट कनिष्क के समय इस संवत् का प्रयोग कर तिथियाँ लिखी जाती थीं। इतिहासकारों का मानना है, कि इस संवत् की शुरुआत सम्राट कनिष्क ने शक शासकों पर विजय प्राप्त करने अथवा सिंहासन प्राप्त करने के उपरांत की थी। भारत के वर्तमान कैलेंडर (राष्ट्रीय पंचांग) शक संवत् के आधार पर बनाये जाते हैं। शक संवत् में वर्ष का पहला दिन 21 मार्च अथवा 22 मार्च को पड़ता है।
Saka Samvat is also known as Shalivahana Samvat. This Samvat was started in 78 AD. During the time of Emperor Kanishka, dates were written using this Samvat. Historians believe that this era was started by Emperor Kanishka after conquering the Shaka rulers or getting the throne. The current calendar (National Panchang) of India is made on the basis of Shaka Samvat. The first day of the year in Shaka Samvat falls on 21st March or 22nd March.
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गुप्त संवत् (Gupt Era/Samvat)
गुप्त संवत् की शुरुआत 319 ईस्वी में की गई थी। इस संवत् की शुरुआत गुप्त वंश के शासक चंद्रगुप्त प्रथम ने की थी। चक्रवर्ती गुप्त शासकों और उनके सामंतों के लेखों में गुप्त संवत् का प्रयोग किया जाता था। गुप्त संवत् प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण संवत् है।
The Gupta era was started in 319 AD. This era was started by Chandragupta I, the ruler of the Gupta dynasty. The Gupta era was used in the writings of the Chakravarti Gupta rulers and their feudatories. The Gupta era is an important era of ancient India.
वल्लभी संवत् (Vallabhi Era/Samvat)
इस संवत् की शुरुआत 319 ईसवी में की गई थी। इस संवत् की तिथि गुप्त संवत् के समान ही है। गुप्त संवत् और वल्लभी संवत् समान प्रतीत होते हैं। वल्लभी संवत् का उल्लेख अलबरूनी के विवरण में किया गया है। अलबरूनी के अनुसार, वल्लभ नामक राजा ने शक काल के 241 वर्ष बाद वल्लभी संवत् की शुरुआत की गई थी। इस प्रकार वल्लवी संवत् की स्थापना तिथि 78 + 241 = 319 ईस्वी प्राप्त होती है।
This Samvat was started in 319 AD. The date of this Samvat is same as that of Gupta Samvat. The Gupta era and Vallabhi era appear to be similar. The Vallabhi era is mentioned in the description of Alberuni. According to Alberuni, the Vallabhi era was started 241 years after the Shaka period by a king named Vallabh. Thus the date of establishment of Vallavi Samvat is found to be 78 + 241 = 319 AD.
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कलचुरि-चेदि संवत् (Kalachuri-Chedi Era/Samvat)
इस संवत् की शुरुआत 248-49 ईसवी के दौरान की गई थी। इस संवत् की शुरुआत पश्चिमी भारत के आमीर नरेश ईश्वरसेन ने की थी। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कलचुरि शासकों द्वारा उनके लेखों में इस संवत् का प्रयोग किया जाता था। कलचुरि-चेदि संवत् प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण संवत् है।
This Samvat was started during 248-49 AD. This Samvat was started by Amir Naresh Ishwarsen of Western India. This era was used by the Kalachuri rulers of Madhya Pradesh and Uttar Pradesh in their writings. Kalchuri-Chedi era is an important era of ancient India.
हर्ष संवत् (Harsh Era/Samvat)
हर्ष संवत् की शुरुआत सम्राट हर्षवर्धन ने की थी। हर्ष के लेखों एवं समकालीन लेखों में तिथियों का उल्लेख करने के लिए इस संवत् का प्रयोग किया जाता था। इस संवत् का प्रयोग उत्तर गुप्त राजाओं के लेखों और नेपाल के लेखों में भी किया जाता था। हर्ष के लेखों के अनुसार, उनके राज्यारोहण के तिथि 606 ईस्वी है। संभवतः इस संवत् का आरंभ इसी समय हुआ था।
Harsha Samvat was started by Emperor Harshavardhana. This era was used to refer to dates in Harsha's writings and contemporary writings. This era was used in the writings of the Uttar Gupta kings and also in the writings of Nepal. According to the writings of Harsha, the date of his accession is 606 AD. Probably this era started at this time.
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