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The rule of the Indo-Yavan (Indo-Greek) dynasty in India | भारत में हिंद-यवन (इंडो-ग्रीक) वंश का शासन

मौर्य वंश का शासन समाप्त होने के बाद भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगातार आक्रमण हो रहे थे। सर्वप्रथम हिंद-यूनानी अथवा बैक्ट्रियाई-यूनानी शासकों ने आक्रमण किया। ये अपने आक्रमण में सफल हुए और भारत के कुछ क्षेत्रों पर विजय प्राप्त कर ली। देश में इंडो-ग्रीकों का शासन यूथीडेमस के शक्तिशाली पुत्र डेमेट्रियस प्रथम के समय से आरंभ होता है। इंडो-ग्रीक वंश के प्रमुख शासक डेमेट्रियस प्रथम तथा मिनाण्डर थे।

After the end of the rule of the Maurya dynasty, there were continuous invasions on the northwestern border of India. First the Indo-Greek or Bactrian-Greek rulers invaded. He succeeded in his invasion and conquered some areas of India. The rule of Indo-Greeks in the country begins with the time of Demetrius I, the mighty son of Euthydemus. The chief rulers of the Indo-Greek dynasty were Demetrius I and Minander.

डेमेट्रियस प्रथम- यह भारत में शासन करने वाला पहला हिंद-यूनानी शासक था। इसका काल 183 ईसा पूर्व के लगभग है। तत्कालीन समय में उसने भारतपंजाब के कुछ क्षेत्रों पर विजय प्राप्त कर साकल (आधुनिक स्यालकोट) को अपनी राजधानी बनाया। उसने भारतीय राजा की उपाधि धारण की। डेमेट्रियस ने यूनानी और खरोष्ठी दोनों लिपियों के सिक्के चलवाए।

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Demetrius I- It was the first Indo-Greek ruler to rule in India. Its period is around 183 BC. At that time, he conquered some areas of India's Punjab and made Sakal (modern Sylkot) his capital. He assumed the title of Indian King. Demetrius introduced coins from both Greek and Kharoshthi scripts.

डिमेट्रियस के पश्चात यूक्रेटाइड्ज ने भारत के कुछ क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की और तक्षशिला को अपनी राजधानी बनाकर शासन किया। भारत में शासन करने वाले यवनों में अंतिम शासक हेलियोक्लीज था। लगभग 125 ईसा पूर्व में बैक्ट्रिया (हिंद) से हिंद-यवन शासकों के शासन का अंत हो गया। उसके पश्चात यहाँ शक वंश के शासकों ने अपना राज्य स्थापित किया।

After Demetrius Eucratides conquered some areas of India and ruled by making Taxila their capital. The last ruler among the Yavans who ruled in India was Helioclies. The rule of the Hind-Yavan rulers from Bactria (Hind) came to an end in about 125 BCE. After that, here the rulers of Shaka Dynasty established their kingdom.

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मिनांडर- यह सबसे प्रसिद्ध हिंद-यूनानी शासक था। इसने लगभग 165 ईसा पूर्व से 145 ईसा पूर्व तक बैक्ट्रिया में 20 वर्षों तक शासन किया। संभवतः वह डेमेट्रियस कुल का था। बौद्ध साहित्य में मिनांडर को 'मिलिंद' कहकर संबोधित किया गया है। वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था। इसी शासक पर बौद्ध ग्रंथ 'मिलिंदपन्हो' की रचना की गई थी। इस ग्रंथ में बौद्ध भिक्षु नागसेन तथा मिनांडर के मध्य वाद-विवाद (वार्ता) का वर्णन किया गया है। मिनांडर की राजधानी साकल थी। तत्कालीन समय में यह शिक्षा का प्रमुख केंद्र थी। मिनांडर के सिक्कों पर 'धर्म-चक्र' अंकित करवाया जाता था। भारत में सोने के सिक्के चलाने वाला वह पहला शासक था। तत्कालीन समय में चांदी के सिक्कों के लिए 'द्रम्म' शब्द का प्रयोग किया जाता था। यह शब्द यूनानी भाषा से लिया गया है।

Minander- It was the most famous Indo-Greek ruler. It ruled Bactria for about 20 years from about 165 BCE to 145 BCE. Probably he was of Demetrius Kul. In Buddhist literature, minandar is addressed as 'Milind'. He was a follower of Buddhism. The Buddhist treatise 'Milindapanho' was composed on this ruler. The treatise describes the debate between the Buddhist monk Nagasena and Minander. The capital of Minander was Sakal. At that time it was a major center of education. The coins of Minander were inscribed 'Dharma-Chakra'. He was the first ruler in India to wield gold coins. At the time, the word 'dhamma' was used for silver coins. The word is derived from the Greek language.

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एन्तियालकीडस यूक्रेटाइट्स वंश का प्रतापी शासक था। उसने हेलियोडोरस को शुंग वंश के शासक भागभद्र के राज दरबार में भेजा था। हेलियोडोरस ने विदिशा में एक गरुड़ स्तंभ की स्थापना की थी। यूक्रेटाइट्स वंश का अंतिम शासक हर्मियस था। उसकी मृत्यु के साथ ही पश्चिमोत्तर-भारत से यवन शासकों के लगभग 200 वर्षों के शासन का अंत हो गया।

Antialkeidus was the reigning ruler of the Eucratites dynasty. He sent Heliodorus to the court of Bhagabhadra, the ruler of the Sunga dynasty. Heliodorus established a Garuda Pillar in Vidisha. The last ruler of the Eukratites dynasty was Hermius. With his death, almost 200 years of rule of Yavana rulers from northwestern India came to an end.

यूनानी शासकों की देन निम्नलिखित है-
1. यूनानियों ने राजस्व का दैवीय सिद्धांत दिया।
2. उन्होंने साँचों से सिक्का निर्माण विधि का बोध करवाया।
3. इन शासकों के समय से ही मुद्राओं पर राजा का नाम, चित्र तथा तिथि का अंकन करने की प्रथा प्रारंभ हुई।
4. इसी समय से देश में कालगणना, संवत् का प्रयोग, सप्ताह के 7 दिन, 12 राशियाँ, कैलेंडर वर्ष आदि का प्रयोग प्रारंभ हुआ।
5. इन्हीं शासकों ने भारत ने 'ज्योतिष कला का विकास' किया।
6. भारत में 'हेलेनिस्टिक कला' का विकास हुआ। यह देश के लिए एक नवीन शैली थी।
7. तत्कालीन समय से भारतीय रंगमंच में यवनिका (पर्दा) का शुभारंभ हुआ।

The following is the contribution of the Greek rulers-
1. The Greeks gave the divine principle of revenue.
2. They made the coin aware of the method of coin making.
3. From the time of these rulers, the practice of marking the name, picture and date of the king on currencies started.
4. From this time the use of census, use of Samvat, 7 days of the week, 12 zodiac signs, calendar year etc. started.
5. It was these rulers who 'developed astrological arts' by India.
6. 'Hellenistic art' developed in India. It was a new style for the country.
7. Since then, Yavanika (curtain) has been launched in Indian theater.

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