बुन्देलखण्ड (जेजाकभुक्ति) का चन्देल वंश | Chandela Dynasty Of Bundelkhand (Jejakabhukti)
बुन्देलखण्ड (जेजाकभुक्ति) में 9वीं शताब्दी के दौरान नन्नुक नामक व्यक्ति ने चंदेल वंश की स्थापना की थी। उसने 'खजुराहो' को अपनी राजधानी बनाया थी। आगे चलकर बुन्देलखण्ड पर नन्नुक के पौत्र जयशक्ति या जेजा ने शासन किया। उसी के नाम पर बुन्देलखण्ड को जेजाकभुक्ति कहा गया।
In Bundelkhand (Jejakabhukti) during the 9th century, a person named Nannuk founded the Chandela dynasty. He made 'Khajuraho' his capital. Later on Bundelkhand was ruled by Nannuk's grandson Jayashakti or Jeja. After his name, Bundelkhand was called Jejakabhukti.
चंदेल वंश के प्रमुख शासक निम्नलिखित हैं–
1. यशोवर्मन
2. धंग देव
3. विद्याधर।
The following are the main rulers of Chandela dynasty–
1. Yashovarman
2. Dhang Dev
3. Vidyadhar.
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यशोवर्मन (Yashovarman)
यशोवर्मन ने 925 ईस्वी से 950 ईस्वी तक शासन किया। वह एक शक्तिशाली शासक था। उसने अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार किया। उसने मालवा, चेदि और महाकोशल पर आक्रमण किया। इन युद्धों में उसने विजय भी प्राप्त की। इस प्रकार उसके राज्य की सीमाएँ विस्तृत हो गईं। यशोवर्मन ने खजुराहो में भगवान विष्णु के मंदिर का निर्माण करवाया था। इस प्रसिद्ध मंदिर को 'चतुर्भुज मंदिर' के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा यशोवर्मन ने एक विशाल जलाशय भी बनवाया था। यशोवर्मन के बाद उसके पुत्र धंग देव ने शासन किया।
Yashovarman ruled from 925 AD to 950 AD. He was a powerful ruler. He expanded the boundaries of his kingdom. He attacked Malwa, Chedi and Mahakosala. He also won these wars. Thus the boundaries of his kingdom expanded. Yashovarman got the temple of Lord Vishnu built in Khajuraho. This famous temple is known as 'Chaturbhuj Temple'. Apart from this, Yashovarman had also built a huge reservoir. Yashovarman was followed by his son Dhanga Deva.
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धंग देव (Dhang Dev)
धंग देव ने 950 ईस्वी से 1007 ईस्वी तक शासन किया। उसने अपने राज्य को प्रतिहारों की अधीनता से मुक्त करवाया था। उसने अपने राज्य को पूर्ण स्वतंत्रता दिलवायी थी। धंग देव ने कालिंजर को अपनी राजधानी बनाया था। उसने ग्वालियर पर विजय प्राप्त की थी। उसने भटिंडा के शाही शासक जयपाल को सैनिक सहायता भेजी थी। धंग देव ने जयपाल को यह सहायता सुबुक्तगीन के विरुद्ध भेजी थी। धंग देव सुबुक्तगीन के विरुद्ध हिन्दू राजाओं के संघ में सम्मिलित हुए थे। धंग देव ने खजुराहो में जिननाथ, विश्वनाथ, वैद्यनाथ आदि मंदिर बनवाए थे। उसके शासनकाल के दौरान खजुराहो का विश्व-विख्यात मंदिर निर्मित किया गया था। यह मंदिर स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण है। धंग देव के पश्चात् उसके पुत्र गंडदेव ने शासन किया था। गंडदेव के बाद उसके पुत्र विद्याधर ने शासन किया।
Dhang Dev ruled from 950 AD to 1007 AD. He had freed his kingdom from the subjugation of the Pratiharas. He had given complete independence to his kingdom. Dhang Dev made Kalinjar his capital. He had conquered Gwalior. He sent military aid to Jaipal, the royal ruler of Bathinda. Dhang Dev sent this aid to Jaipal against Subuktagin. Dhang Dev had joined the union of Hindu kings against Subuktagin. Dhang Dev had built temples like Jinnath, Vishwanath, Vaidyanath etc. in Khajuraho. The world-famous temple of Khajuraho was built during his reign. This temple is a unique example of architecture. Dhang Dev was followed by his son Gandadeva. Gandadeva was followed by his son Vidyadhar.
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विद्याधर (Vidyadhar)
विद्याधर ने 1019 ईस्वी से 1029 ईस्वी तक शासन किया था। विद्याधर चंदेल वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था। मुसलमान लेखकों ने उसका उल्लेख 'चन्द्र' एवं 'विदा' नामों से किया है। विद्याधर ने 1019 ईस्वी में गुर्जर प्रतिहार शासक राज्यपाल को युद्ध में पराजित किया था। इसके बाद उसने राज्यपाल की हत्या कर दी थी। विद्याधर ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि राज्यपाल महमूद गजनवी से युद्ध करने के बजाय मैदान छोड़कर भाग गया था। विद्याधर ने मालवा के परमार शासक भोज और कलचुरी शासक गांगेय देव से युद्ध किया था। इन दोनों युद्धों में उसने विजय प्राप्त की थी।
Vidyadhar ruled from 1019 AD to 1029 AD. Vidyadhar was the most powerful ruler of the Chandela dynasty. Muslim writers refer to him by the names 'Chandra' and 'Vida'. In 1019 AD, Vidyadhar defeated the Gurjara Pratihara ruler Governor in a battle. After this he killed the governor. Vidyadhar did this because the governor had fled the field instead of fighting with Mahmud Ghaznavi. Vidyadhar fought with the Parmar ruler Bhoj of Malwa and the Kalchuri ruler Gangeya Dev. He won both these wars.
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चंदेल वंश का अंतिम शक्तिशाली शासक परमर्दिदेव (परमल) था। 1182 ईस्वी में पृथ्वीराज और परमल के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध में पृथ्वीराज की विजय हुई और उन्होंने महोबा पर अधिकार कर लिया। आगे चलकर 1203 ईस्वी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने कालिंजर पर अधिकार कर लिया। अंत में 1305 ईस्वी के दौरान चंदेल राज्य पूर्णतः दिल्ली में मिल गया।
Paramardideva (Parmal) was the last powerful ruler of the Chandela dynasty. In 1182 AD, there was a war between Prithviraj and Parmal. Prithviraj was victorious in this war and he captured Mahoba. Later in 1203 AD, Qutubuddin Aibak captured Kalinjar. Finally during 1305 AD the Chandela kingdom was completely merged with Delhi.
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