भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, तुकांत, पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थी शब्द || पाठ 6 पन्ना का त्याग Class -5th
भाषा अध्ययन
1. निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए और लिखिए–
विचित्र
कम्पित
नक्षत्र
दृढ़
हाहाकार
कातर
अविरल
अविचल
पाषाण
ममत्व
उक्त शब्दों को विद्यार्थियों को शुद्ध उच्चारण कर अपनी अभ्यासिका में लेखन चाहिए।
2. निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए–
अशुद्ध – शुद्ध
पयास – प्यास
करज – कर्ज
जवार – ज्वार
परवत – पर्वत
वसतार – वस्त्र
चीतकर – चीत्कार।
3. निम्नलिखित शब्दों की समान तुक वाले
शब्द कविता से खोजकर लिखिए।
शब्द – तुकांत शब्द
भाँप - काँप
झपटी - कपटी
मलती - जलती
अस्त्र - वस्त्र
दमक - चमक
झपक - लपक
4. नीचे लिखे शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए–
शब्द – पर्यायवाची शब्द
रक्त – लहू, खून।
महल – प्रासाद, राजभवन।
पाषाण – पत्थर, चट्टान।
मही – पृथ्वी, वसुधा।
पर्वत – पहाड़, गिरि।
वस्त्र - कपड़ा, अम्बर।
5. निम्नांकित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए–
शब्द – विलोम शब्द
धरती - अम्बर
महल - झोंपड़ी
अविश्वास - विश्वास
मृत - जीवित
जागना- सोना।
अनेकार्थी शब्द
जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं उन्हें अनेकार्थी शब्द कहा जाता है।
जैसे- इस पाठ में आया शब्द 'पन्ना' है।
धरती-अम्बर थे काँप उठे,
धन्य हो गई थी पन्ना।
इतिहास सदा दोहराएगा,
स्वामी भक्ति का यह पन्ना।
प्रथम पंक्ति में 'पन्ना' शब्द का अर्थ 'धाय माँ' से है, जबकि दूसरी पंक्ति में 'पन्ना' शब्द का अर्थ 'कागज' का पृष्ठ है।
6. निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करें–
उत्तर – (एक दिशा, जवाब)
काल – (समय, मौत)
आम – ( साधारण, एक फल)
वाक्य में प्रयोग–
उत्तर– (i) मोहन ने सभी प्रश्नों के सही उत्तर दिए हैं।
(ii) हिमालय पर्वत भारत की उत्तर दिशा में है।
काल – (i) उसे काल ने ग्रस लिया।
(ii) हमें वर्तमान काल में ही जीना चाहिए।
आम – (i) आम एक स्वादिष्ट फल है।
(ii) देशसेवा आम नागरिक भी कर सकता है।
कक्षा 5 हिन्दी के इस 👇 पाठ को पढ़ें।
पाठ - 6 पन्ना का तत्याग भावार्थ
योग्यता विस्तार
1. स्वामिभक्ति के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अन्य महान व्यक्तियों के बारे में जानकारियाँ एकत्रित कर कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर– (i) भक्त-शिरोमणि हनुमान जिन्होंने भगवान श्री राम की सेवा में अपना संपूर्ण जीवन व्यतीत किया।
(ii) स्वामी भक्त चंदबरदाई जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान से मित्रता निभाते हुए पूरे जीवन उनकी सेवा में समर्पित कर दिया।
इसके अतिरिक्त इतिहास में बहुत सारी जानवरों के नाम भी अमर हैं, जिन्होंने अपने स्वामी की सेवा करते हुए प्राण न्यौछावर कर दिए। जैसे–
(iii) छत्रसाल महाराज का घोड़ा जिसे बाद में महाराज ने भले भाई की उपाधी दी।
2. 'पन्ना धाय' के विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर– पन्ना-धाय का प्रसंग स्वामी भक्ति का अनुपम उदाहरण है। जिसने पूरे जीवन अपने स्वामी की सेवा की और मुसीबत के वक्त उनके कुलदीपक की रक्षार्थ स्वयं के कुलदीपक का बलिदान कर दिया। इससे बढ़कर बलिदान एक माँ का क्या हो सकता है? जिसकी आँखों के समक्ष स्वयं की पुत्र की हत्या कर दी गई। देखा जाये तो पन्ना धाय के समान भूतकाल में न कोई हुआ है और भविष्य में न होगा।
4. इस कविता को 'अभिनय' के साथ बाल सभा में सुनाइए।
उत्तर– विद्यार्थियों को उक्त कविता को अभिनय के साथ कक्षा में सुनाना चाहिए। इस हेतु पूर्व में अभ्यास करने की आवश्यकता है। अतः विद्यार्थी इस कविता को कंठस्थ याद कर लें, इसके पश्चात अभिनय का अभ्यास कर बाल सभा में सुनाएँ तो बहुत ही आकर्षक लगेगा। इसी के साथ विद्यार्थीगण यदि स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी इस कविता को अभिनय के साथ प्रस्तुत कर सकते हैं।
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पाठ 6 'पन्ना का त्याग' अभ्यास - प्रश्नोत्तर
सुवाक्य
"सच्ची प्रतिष्ठा और सम्मान के लिए सम्पत्ति की जरुरत नहीं, उसके लिए त्याग और सेवा काफी हैं।"
आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
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Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
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