Modal answer sheet march 2021 class 6th subject hindi || हिन्दी 6वीं मॉडल उत्तर शीट
खण्ड -'अ'
प्रश्न 1- 'मैं भागवत गीता हूँ' पाठ के आधार पर बताइए, हमारे आचरण का प्रभाव हमारे जीवन पर किस प्रकार पड़ता है, इस बात से क्या-क्या सीख मिलती है?
उत्तर - 'मैं भगवत गीता हूँ' पाठ को जब हम पढ़ते हैं तो हमें पता चलता है कि मनुष्य को हमेशा अच्छे ही कर्म करना चाहिए। अच्छे कर्मों का फल भी अच्छा ही मिलता है। यदि हमारे आचरण शुद्ध होंगे तो निश्चित ही इसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। न्याय-अन्याय, धर्म-अधर्म आज भी मनुष्य और समाज के अंदर चल रहे हैं। स्वार्थ और आसुरी प्रवृत्तियाँ आज भी समाज में संघर्ष, तनाव तथा भय पैदा करती हैं। मोह-ममता से ग्रसित व्यक्ति आज भी कर्तव्य पालन से कतराता है। वह सत्य व्यवहार नहीं करता है।
हमें किस पाठ से शिक्षा मिलती है कि सदैव धर्म का पक्ष लेना चाहिए एवं जीवन की सार्थकता मोह से प्रभावित हुए बिना अपने कर्म करने में होती है।
प्रश्न 2 - यदि आपको एक दिन के लिए आपकी कक्षा का शिक्षक बना दिया जाए तो आप कक्षा का संचालन किस प्रकार करेंगे? लिखिए।
टीप- उक्त प्रश्न का उत्तर विद्यार्थी अपने अनुसार लिखते हैं तो उन्हें अंक प्रदान किए जाने चाहिए। यहाँ केवल एक उदाहरण बताया गया है।
उत्तर - यदि हमें एक दिन के लिए अपनी कक्षा का शिक्षक बना दिया जाए तो सर्वप्रथम यह देखेंगे कि हमारे सभी विद्यार्थी कक्षा में उपस्थित हैं या नहीं। उपस्थिति चेक करने के पश्चात जो विद्यार्थी अनुपस्थित है उन विद्यार्थियों को बुलाने के लिए संपर्क करेंगे। विद्यार्थियों की उपस्थिति लेने के पश्चात अपने विषय जो हमने पूर्व दिन में पढ़ाया है, उस पर चर्चा करेंगे। इसके पश्चात बच्चों से थोड़ी बहुत बातचीत करेंगे, चुटकुले वगैरा, हँसी मजाक की बातें करेंगे जिससे कि सभी का मन प्रफुल्लित हो जाए। इसके पश्चात अपने विषय पर फोकस करते हुए अध्यापन कार्य कराएंगे। हमारे हमारे एक दिन के शिक्षकीय कार्य में हम विद्यार्थियों को सतत रूप से पढ़ाने का कार्य करेंगे।
प्रश्न 3- (i) किसी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए क्या करना पड़ता है? पाठ 'संकल्प' के आधार पर बताइए।
उत्तर - 'संकल्प' कविता के अनुसार किसी कार्य की सफलता के लिए हमें बाधाओं (परेशानियों) से बिना डरे काम शुरू करना पड़ता है, अपने मार्ग पर सतत् रूप से चलना पड़ता है। बूंदों की तरह बार-बार गिरने से बिना डरे मार्ग की बाधाओं से जूझकर आगे बढ़ना पड़ता है।
(ii) 'श्रम की महिमा' पाठ के आधार पर गाँधी जी के द्वारा किए जाने वाले कार्य लिखिए, जो वह स्वयं करते थे?
उत्तर - 'श्रम की महिमा' कविता को के आधार पर हम देखते हैं गाँधीजी स्वयं सूत काटते थे, चरखा चलाते थे और जुलाहों की तरह कपास धुनते थे। इसी तरह से वे स्वयं अनाज के कंकर-पत्थर चुनते थे और उन्हें किसी फटी हुई पुस्तक की जिल्द बनाना आता था। वे सारे काम साफ-सफाई से किया करते थे। यहाँ तक वह अपने आश्रम में अनाज पीसा भी करते थे।
प्रश्न 4- निम्नलिखित शब्दों में सही मात्रा लगाकर शुद्ध रूप लिखिए एवं वाक्य में प्रयोग कीजिए–
किमत – कीमत – इस पुस्तक की कीमत ₹100 है।
फीरंगी – फिरंगी – हमारे देश में प्रारंभ में फिरंगी व्यापार करने के लिए आए थे।
झाँसि – झाँसी – झाँसी राज्य की रक्षा के लिए रानी लक्ष्मीबाई ने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।
उदीत – उदित – सूर्य पूर्व दिशा से उदित होता है।
सत्रु – शत्रु – भारतीय सेना शत्रु का नाश करने में सक्षम है।
सक्कर – शक्कर – शक्कर से बहुत सारी मिठाइयां बनाई जाती हैं।
वनाया – बनाया – इस चित्र को मैंने बनाया है।
प्रश्न 5 - यदि रुपए का प्रचलन नहीं होता और रुपयों को कागजों पर नहीं छापा जाता तो क्या होता? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर - यदि रुपए का प्रचलन नहीं होता और रुपयों को कागज पर नहीं छापा जाता तो लेनदेन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता। वस्तुओं के लेन-देन हेतु एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु को देना पड़ता जोकि बहुत कठिनाई भरा होता। किसी दूर स्थान पर सामान खरीदने के लिए दूसरी वस्तुओं को अपने साथ में ले जाना पड़ता जो कि बहुत बहुत ही मुश्किल भरा काम है। रुपया होने से आसानी के साथ देश के किसी भी कोने में जाकर कोई भी सामग्री आसानी से खरीदी जा सकती है। यदि रुपया को कागज पर ना छापा जाए तो वाकई हमारे दिनचर्या में काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
प्रश्न 6 - हमारे चारों ओर हमारे जीवन को सुलभ बनाने तथा सुविधा हेतु कई युक्तियों, साधनों का प्रयोग होता है। इन साधनों से हमारे पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ता है। अपने गाँव, शहर को पर्यावरण की सुरक्षा को और प्रदूषण से मुक्ति हेतु आप क्या करेंगे? कार्ययोजना बनाएँ–
उत्तर - निश्चित ही हमारे चारों ओर हमारे जीवन को सुलभ बनाने एवं सर्व-सुविधा युक्त करने के लिए कई तरह की युक्तियों और साधनों का प्रयोग होता है। जिसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे पर्यावरण पर भी पड़ता है। आवागमन के लिए यातायात के साधनों का प्रयोग किया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण बहुत अधिक का होता है, साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इसके अलावा घरों में कूलर, एसी, रेफ्रिजरेटर आदि का प्रयोग किया जाता है जो कि हानिकारक गैसें पैदा होती हैं। प्लास्टिक का प्रयोग, कारखानों में अधिक उत्पादन और हमारी विलासिता पूर्ण जीवन शैली की वजह से हमारे पर्यावरण को काफी क्षति हो रही है। हमारे गाँव शहर के पर्यावरण सुरक्षा हेतु हम अधिक से अधिक वृक्ष लगाएंगे और लोगों को भी वृक्ष लगाने को कहेंगे। सभी लोगों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करेंगे कि वे सामूहिक वाहनों का प्रयोग करें या फिर साइकिल जैसे वायु प्रदूषण मुक्त वाहनों का प्रयोग करें। प्लास्टिक का प्रयोग ना करें अपने आसपास को हमेशा स्वस्थ रखें इस बात के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
प्रश्न - 7- आप की पाठ्य पुस्तक के पाठ 'दस्तक' को पढ़िए और पाठ का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- 'दस्तक' पाठ का मूल सार है "भलाई का फल भलाई से ही मिलता है"। इस पाठ में लेखक दूसरों की सदैव सहायता करते थे, समाज सेवा में लगे रहते थे। इस कारण उनकी पत्नी शीला थोड़ा परेशान रहती थी और इस बात की उन्होंने लेखक से शिकायत भी की। इस्पेक्टर साहब के बच्चे के छत से गिरने पर शीला ने संदेह भी जताया कि उनका सोनू भी बहुत चंचल है कहीं ऐसा ना हो कि कोई दुर्घटना हो जाए। और एक बार ऐसा हो भी गया जब लेखक घर से दूर त्रिवेंद्रम में थे उस समय सोनू दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लेखक की अनुपस्थिति में शहर के लोगों ने पूर्ण सहानुभूति के साथ रुपया जमा करके सोनू का इलाज के साथ शीला का भी इलाज कराया क्योंकि लेखक सदैव परोपकार किया करते थे। इसी घटना के बाद शीला का हृदय परिवर्तन भी हो गया। शीला जान गई कि सदैव भलाई का फल भलाई से ही मिलता है।
प्रश्न 8 - "एक दिन राम जंगल पहुँचा तब उसने नदी के पास बहुत से पशु देखे। वह थोड़ी दूर चला ही था कि शेर भी दिखाई दिया। वह डर गया। उसने चतुराई से काम लिया। वह पेड़ पर चढ़ गया। थोड़ी देर में कुछ व्यक्ति हथियार लेकर आते दिखाई दिए। उन्हें देखकर शेर भाग गया।
ऊपर्युक्त गद्यांश में सर्वनाम हटाकर उचित संज्ञा लिखकर पूरा गद्यांश फिरसे लिखिए और दोनों में तुलना कर पता कीजिए कि उन में क्या अंतर है तथा भाषा पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है।
उत्तर - "एक दिन राम जंगल पहुँचा तब राम ने नदी के पास बहुत से पशु देखे। राम थोड़ी दूर चला ही था कि शेर भी दिखाई दिया। राम डर गया। राम ने चतुराई से काम लिया। राम पेड़ पर चढ़ गया। थोड़ी देर में कुछ व्यक्ति हथियार लेकर आते दिखाई दिए। उन्हें देखकर शेर भाग गया।
उक्त गद्यांश में सर्वनाम शब्द के बदले संज्ञा शब्द को रखने पर काफी अंतर दिखाई देता है बोलने में धारा प्रवाहित नहीं रहती है। बार-बार एक ही संज्ञा शब्द के प्रयोग से बोलने में बड़ा अटपटा लगता है।
प्रायोजना कार्य – 'नाम की पहचान'
खण्ड - 'ब'
प्रश्न 9- आप जानते हैं कि हमारे आसपास की सभी वस्तुओं स्थानों और प्राणियों के कुछ न कुछ नाम होते हैं जिनसे हम उन्हें पहचानते हैं। इसी तरह वस्तुओं और प्राणियों के प्रति हमारे भावों (भावनाओं) के नाम की भी नाम भी होते हैं। आप अपने परिवेश के अनुसार पाँच पाँच संज्ञाओं के (नामों) को लेकर तालिकानुसार लिखिए–
प्रकार ............................संज्ञा (नाम)
व्यक्तिवाचक – रमेश, भोपाल, गीता, श्याम,
.......................................... जबलपुर
जातिवाचक – गाय, शहर, बकरी, पुस्तक,
........................................... मकान
स्थान वाचक – सड़क, मैदान, आंगन, खेत,
........................................... बाजार
भाव वाचक – सुंदरता, भलाई, दुख, खेद,
...................................... इमानदारी
(ii) मन के किसी भाव को व्यक्त करने वाले चेहरे (मुख) का चित्र बनाइए। चित्र –
🙂
टीप - विद्यार्थियों के द्वारा दिए गए चित्र के अनुसार कोई अन्य भाव व्यक्त करने वाला चित्र बनाने पर अंक प्रदान किए जाने चाहिए।
उदाहरण के रूप में यहाँ पर इस प्रकार के चित्र दिए गए हैं।
☹️ 😔🙄😀
(iii) आप अपनी पाठ्यपुस्तक के किन्हीं दो पाठों में आए संज्ञा शब्दों को खोजकर लिखिए–
उत्तर – (1) पाठ 18 'परमानंद माधवम्' से -
कुटिया, खटिया, व्यक्ति, हाथ, चेहरा, आँख, बरसात, गर्मी, सदाशिवराव, गोविंद, परमानंद, गुना जिला, ग्राम, राधाबाई, ब्राह्मण, कथा, झाँसी, काका, नौकरी, कन्या, मक्खियाँ, जीवन, रोगी, पुत्री, मधुकरराव, बिलासपुर, बैतालपुर, मूर्ति, राज्यपाल, हरीभाऊ पाटसकर, चाँपा, आश्रम, रामचरितमानस, महाभारत, राष्ट्रभक्ति, डॉ राधाकृष्णन, मृत्यु आदि।
(2) पाठ 21 'मेरी माँ' से–
लखनऊ, दादी जी, पिताजी, शाहजहाँपुर, सेवा समिति, गुरुदेव सोमदेव जी, वकील, हस्ताक्षर, पाप, मुकदमा, कन्या, सखी, सहेली, फल, देवनागरी, शिक्षा कार्य, समाज, मनुष्य, संसार, क्रांतिकारी, प्राण दंड, दया, जीवन, देवी, भारत, इतिहास, गुरु गोविंद सिंह जी आदि।
प्रश्न 10 – संकेतों के आधार पर वर्ग पहेली हल कीजिए –
बाएँ से दाएँ–
(1) प्रतिकूल का विलोम – अनुकूल
(2) डरावना का पर्यायवाची शब्द – भयानक
(6) पहचान के लिए दिया जाने वाला शब्द – नाम
(4) अधिक का विपरीतार्थक शब्द – कम
ऊपर से नीचे –
(1) शोभनीय का विलोम शब्द – अशोभनीय
(5) वेदना, पीड़ा का समानार्थी शब्द – यातना
(7) चिंतन का पर्यायवाची शब्द – मनन
(3) चाहना का समानार्थी शब्द – ललक
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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
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