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अकर्मक और सकर्मक क्रियाएँ || अकर्मक से सकर्मक क्रिया बनाना || Transitive and Intransitive Verb in Hindi

क्रिया (Verb) किसे कहते हैं?
जब किसी शब्द या शब्द-समूह से कोई कार्य (क्रियाकलाप/गतिविधि) के होने या करने का बोध (जानकारी) हो, उसे क्रिया कहते हैं। उदाहरण – सोना, जागना, चलना, खाना, पीना, उठना, बैठना, गाना, नहाना, धोना, खेलना, पढ़ना, लिखना, मारना, भगाना, उठना, बैठना, तैरना, उड़ना, उड़ाना, जोतना आदि। इन शब्दों का जब वाक्य में प्रयोग होता है तो कार्य के सम्पन्न होने की जानकारी प्राप्त होती है।

क्रिया के भेद –

रचना के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं–
1. अकर्मक क्रिया (Intransitive Verb)
2. सकर्मक क्रिया (Transitive Verb)

1. अकर्मक क्रिया (Intransitive Verb)– जिन क्रियाओं के लिये कर्म की आवश्यकता नहीं होती या ऐसी क्रियाएँ जिनके साथ वाक्य में कोई कर्म नहीं होता है और जिनका प्रभाव या फल कर्त्ता पर ही पड़ता है, वे अकर्मक क्रिया कहलाती हैं।
जैसे– (i) राजकुमार हँसता है
(ii) वह रोती है
(iii) हिरण भागता है
(iv) शेर दहाड़ता है
(v) मोहन आया है
(vi) गुरुजी जा चुके हैं
(vii) वह किसके साथ गई थी?
(viii) घोड़ा दौड़ रहा है
(ix) मोना नाच रही है
उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द समूह अकर्मक क्रियाओं के उदाहरण हैं। 'हँसता है', 'रोती है', 'भागता है', 'दहाड़ता है', 'आया है', 'जा चुके हैं', 'गई थी', दौड़ रहा है, 'नाच रही है' आदि के साथ यहाँ कर्म प्रयुक्त नहीं हुआ है।

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7. अंग्रेजी वर्णमाला की सूक्ष्म जानकारी

अकर्मक क्रिया के प्रकार – अकर्मक क्रियाएँ दो प्रकार की होती है–
(i) पूर्ण अकर्मक क्रिया
(ii)अपूर्ण अकर्मक

(i) पूर्ण अकर्मक क्रिया – पूर्ण अकर्मक क्रिया के भी दो भेद होते हैं–
(क) अवस्थाबोधक या स्थित्मर्थक पूर्ण क्रिया– इन क्रियाओं को कर्म की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये कर्त्ता की अवस्था तथा दशा को बताती हैं।
जैसे– (i) राजकुमार सो रहा है।
विद्यार्थी हँस रहे हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में राजकुमार के 'सोने' की दशा एवं विद्यार्थियों की 'हँसने' की स्थिति के बारे में बताया गया है।
ऐसी क्रियाएँ अवस्थाओं को दर्शाती हैं तथा बिना पूरक या कर्म के भी पूर्ण अर्थ देती है।
उदाहरण – (अ) ईश्वर है।
(आ) बच्चा रो रहा है।
उक्त दोनों वाक्यों में पूर्ण अर्थ स्पष्ट हो रहा है।

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(ख) अत्यर्थक पूर्ण अकर्मक क्रियाएँ – ऐसी क्रियाएँ जिसमें कर्ता गतिमान हो और क्रिया के लिए कर्म की आवश्यकता न हो उन्हें अत्यर्थक पूर्ण अकर्मक क्रियाएँ कहते हैं।
जैसे – (i) फल गिरता है।
हाथी चल रहा है।
इसी तरह – आना, जाना, उठना, आदि अत्यर्थक पूर्ण अकर्मक क्रियाएँ हैं।

(ii) अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ– जिन क्रियाओं की पूर्णता के लिए कर्त्ता से सम्बन्ध रखने वाले किसी शब्द की आवश्यकता पड़ती है, उन्हें अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ कहते हैं।
जैसे— (i) शायं हो रही है।
(ii) जलेबी बन रही है।

2. सकर्मक क्रिया (Transitive Verb) –
ऐसी क्रियायें जो कर्त्ता द्वारा संचालित भले ही हो, पर उसका प्रभाव कर्म पर ही पड़ता है। अतः ऐसी क्रियायें, जिनका कर्म हो या, जिनके साथ कर्म संभावित हों, या जिसके व्यापार का मुख्य रूप से कर्म प्रभाव हो, सकर्मक क्रियायें कहलाती हैं। ऐसी क्रियाओं में कर्म का होना आवश्यक होता है।
उदाहरण – (i) राम रोटी खाता है।
उक्त वाक्य में प्रयुक्त क्रिया 'खाता है' सकर्मक है, क्योंकि उसका एक कर्म है। रोटी खाने वाला मोहन है, परंतु उसकी क्रिया 'खाना' का फल 'रोटी' पर पड़ता है।

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10. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द
11. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार

(ii) वह जाता है। उक्त वाक्य में 'जाना' क्रिया सकर्मक है। यद्यपि उक्त वाक्य में कर्म का प्रयोग नहीं हुआ है, किंतु कर्म के प्रयोग की आवश्यकता है।

(iii) राजकुमार पुस्तक पढता है।
(vi) माँ बच्चे को सुला रही है।
(v) तुम वहाँ क्यों चले आये?
उक्त वाक्यों में 'पुस्तक', 'बच्चा' और 'तुम' कर्म हैं और क्रिया का प्रभाव (फल/व्यापार) उन्हीं पर पड़ता है।

सकर्मक क्रिया के भेद– कर्म के आधार पर 'सकर्मक क्रिया' के भी दो भेद हैं–
(क) एककर्मक क्रिया
(ख) द्विकर्मक क्रिया
(क) एक-कर्मक क्रिया –
जिस क्रिया के लिए केवल एक ही कर्म होता हो वे एक-कर्मक क्रियाएँ कहलाती है।
जैसे– (i) गाय घास खाती है।
(ii) रमा दूध पीती है।
(iii) चिड़िया दाना चुगती है।
उक्त वाक्यों में 'खाती है', 'पीती है' तथा 'चुगती है क्रियाओं के क्रमशः, 'घास' 'दूध' तथा ‘दाना' एक-एक कर्म है, इसीलिए 'खाती है', 'पीती है', तथा 'चुगती है' एककर्मक क्रियाएँ हैं।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
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7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार

(ख) द्वि-कर्मक क्रिया – जिस क्रिया के लिए दो कर्म होते हों, उन्हे द्विकर्मक क्रियाएँ कहते हैं।
जैसे – (i) राष्ट्रपति जी ने वीर बच्चे को पुरस्कार दिया।
(ii) ग्राहक ने दुकानदार को पैसे चुकाए।
(iii) किसान बैलों को खेत में ले जा रहा है।
पहले वाक्य में – ‘दिया' क्रिया के दो कर्म 'वीर' तथा 'पुरस्कार' है।
दूसरे वाक्य में – 'दिए' क्रिया के दो कर्म 'दुकानदार' तथा 'पैसे' हैं।
तीसरे वाक्य में – 'ले जाता है' क्रिया के दो कर्म 'बैलों' तथा 'खेत' हैं।
इसीलिए, 'दिया', 'दिए' तथा 'ले जाता है'-द्विकर्मक क्रियाएँ हैं।

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अकर्मक तथा सकर्मक क्रिया की पहचान–

जब किसी क्रिया के पूर्व 'किसको' या 'क्या' लगाकर प्रश्न किया जाता है तो उत्तर में यदि कोई वस्तु या व्यक्ति का नाम आता है तो वह क्रिया सकर्मक' होती है।
जब किसी क्रिया के पूर्व 'किसको' या 'क्या' लगाकर प्रश्न किया जाये और उत्तर में कुछ नहीं आए तो वह क्रिया ‘अकर्मक' होती है।
उदाहरण – (क) रंजना पानी पीती है। उक्त वाक्य में प्रश्न करने पर – क्या पीती है? तो उत्तर में 'पानी' आता है इसीलिए पीना 'सकर्मक क्रिया' है।

(ख) दुल्हन रोती है। अब यदि प्रश्न करें क्या रोती है या किसको रोती है? तो उक्त वाक्य में कोई जवाब नहीं आता है बल्कि प्रश्न ही यहाँ निरर्थक प्रतीत होता है।इसीलिए 'रोना' एक अकर्मक क्रिया है।

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अकर्मक एवं सकर्मक क्रियाओं के अन्य उदाहरण
1 (अ) ठगों ने सारा धन लूट लिया। (सकर्मक)
(आ) वह तो लुट गया। (अकर्मक)
2. (अ) बच्चे ने कागज फाड़ दिया। (सकर्मक)
(आ) कागज फट गया। (अकर्मक)
3. (अ) सुरेश रस्सी को ऐंठता है। (सकर्मक)
(आ) सुरेश ऐंठता है। (अकर्मक)
4. (अ) बच्चा रोता है। (अकर्मक)
(आ) वे बच्चे को रुलाते है (सकर्मक)

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1. विराम चिन्हों का महत्व
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अकर्मक से सकर्मक क्रिया बनाना–

नियम 1– अकर्मक क्रिया के पहले वर्ण को दीर्घ करके सकर्मक क्रिया बनाते हैं।
अकर्मक क्रियायें – सकर्मक क्रियायें
कटना – काटना।
छनना – छानना।
ढलना – ढालना।
दिखना – दिखाना।
मरना – मारना।
पिटना – पीटना।
पिसना – पीसना।
लुटना – लूटना।
उपरोक्त अकर्मक क्रियाओं के पहले वर्ण को दीर्घ कर दिया गया है, जिससे वे सकर्मक क्रियाएँ बन गई हैं।
उदाहरण – पेड़ कटते हैं। (अकर्मक)
वे पेड़ काटते हैं। (सकर्मक)

नियम 2 – अकर्मक क्रिया के द्वितीय वर्ण को दीर्घ करके सकर्मक क्रियाएँ बनाई जाती हैं।
अकर्मक क्रियायें – सकर्मक क्रियायें
उखड़ना – उखाड़ना।
निकलना – निकालना।
बिगड़ना – बिगाड़ना।
उदाहरण – पौधे उखड़ते हैं। (अकर्मक)
किसान पौधे उखाड़ते हैं। (सकर्मक)

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1. गज़ल- एक साहित्य विधा
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नियम 3 – अकर्मक क्रिया के पहले वर्ण 'इ' को 'ए' करके सकर्मक क्रिया बनाते हैं।
अकर्मक क्रियायें – सकर्मक क्रियायें
घिरना – घेरना।
छिदना - छेदना।
दिखना – देखना।
उदाहरण – हिरण घिर गया है। (अकर्मक)
शेरों ने हिरण को घेर लिया है। (सकर्मक)

नियम 4 – अकर्मक क्रिया के पहले वर्ण 'उ' या 'ऊ' को 'ओ' करके सकर्मक क्रिया बनाते हैं।
अकर्मक क्रियायें – सकर्मक क्रियायें
खुलना – खोलना।
मुड़ना – मोड़ना।
रुकना – रोकना।
सूखना – सोखना।
उदाहरण – दरवाजे खुलते हैं। (अकर्मक)
नौकर दरवाजा खोलता है। (सकर्मक)

नियम 5 – अकर्मक क्रिया के द्वितीय वर्ण 'ट' को 'ड़' करके सकर्मक क्रियाएँ बनाई जाती हैं।
अकर्मक क्रियायें – सकर्मक क्रियायें
छूटना – छोड़ना।
जुटना – जोड़ना।
टूटना – तोड़ना।
उदाहरण – बच्चे छूट रहे हैं। (अकर्मक) गुरूजी बच्चों को छोड़ रहे हैं। (सकर्मक)

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नियम 6– अन्य अनियमित परिवर्तन से अकर्मक से सकर्मक क्रियाएँ बनाई जाती हैं।
अकर्मक क्रियायें – सकर्मक क्रियायें
फटना – फाड़ना।
बिकना – बेचना।
उदाहरण – कागज फटते हैं। (अकर्मक)
बच्चे कागज फाड़ते हैं। (सकर्मक)

टीप – अकर्मक क्रियाओं के साथ कभी भी विभक्ति का प्रयोग नहीं होता है। विभक्तियाँ केवल सकर्मक क्रियाओं के साथ आती हैं।
जैसे – तुमने रहना है। (गलत)
तुम्हे रहना है। या
तुमने रखा हैं। (सही)

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1. प्रबंध काव्य और मुक्तक काव्य क्या होते हैं?
2. कुण्डलियाँ छंद क्या है? इसकी पहचान एवं उदाहरण
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4. मुहावरे और लोकोक्ति का प्रयोग कब और क्यों किया जाता है?
5. राष्ट्रभाषा क्या है और कोई भाषा राष्ट्रभाषा कैसे बनती है?

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

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