समग्र शब्द- अनेक शब्दों के लिए एक शब्द | Shabd samuh ke liye ek shabd
हिन्दी साहित्य में कुछ ऐसे शब्द है जो शब्द समूहों के भाव को प्रकट करते हैं। इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग से भाषा सुगठित और सुंदर हो जाती है। ऐसी शब्द रचना वाक्य में अनावश्यक विस्तार को रोकते हैं।अनेक शब्दों के स्थान पर यदि एक सार्थक शब्द का प्रयोग होता है तो बात बहुत ही उत्तम तथा भावपूर्ण हो जाती है। भावों की अभिव्यक्ति की दुरुहता का निराकरण करने के लिए ही अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग होता है। अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग करने का प्रचलन अत्यंत प्राचीन है। दुरूह तथा गहन विषयों के प्रतिपादन के लिए सूत्र-शैली अति प्राचीनकाल से उपयोग में आती रहती हैं। सूत्र शैली में अर्थात एक शब्द में आशय की अभिव्यक्ति करने से भाषा वेगशाली तथा बलवती हो जाती है। सूत्र शैली अथवा अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का उपयोग सारांश में बहुत सीमा तक सहायक होते हैं।
अनेक शब्दों के लिए या वाक्यांश के लिए एक प्रयुक्त शब्द रखने की प्रक्रिया को संक्षेपी करण में ले सकते हैं। वस्तुतः ये भाषा को संक्षिप्त करने में अत्यंत सहायक होते हैं क्योंकि ये संपूर्ण वाक्य या वाक्यांश को अपने में समेट लेते हैं। इस तरह के शब्दों को समग्र शब्द भी कहते हैं।
शब्द समूह हेतु समग्र शब्दों की सूची-
1. पुस्तक के प्रारंभ में लिखी बात- भूमिका
2. उच्च वर्ग के पुरुष का निम्न वर्ग की महिला के साथ विवाह- अनुलोम विवाह
3. जो मापा न जा सके- अपरिमित
4. जो प्रमाणों से सिद्ध न हो सके- अप्रमेय
5. जो दूसरों के स्थान पर अस्थायी रूप में
कार्य करें- स्थानापन्न
6. जीवन के अंतिम क्षण तक- जीवन पर्यंत
7. कईयों में से एक मात्र- अन्यतम्
8. अन्य से संबंध न रखने वाला- अनन्य
9. जो सबमें साधारण रूप या सामान्य रूप में पाया जाने वाला- सर्वमान्य
हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. व्याकरण क्या है
2. वर्ण क्या हैं वर्णोंकी संख्या
3. वर्ण और अक्षर में अन्तर
4. स्वर के प्रकार
5. व्यंजनों के प्रकार-अयोगवाह एवं द्विगुण व्यंजन
6. व्यंजनों का वर्गीकरण
7. अंग्रेजी वर्णमाला की सूक्ष्म जानकारी
11. जीतने की इच्छा- जीगिषा, विजयकांक्षी
12. लाभ की इच्छा- लिप्सा
13. गुरु के समीप रहने वाला विद्यार्थी- अंतेवासी
14. जिसका दमन कठिन है- दुर्दम्य
15. जहाँ लोगों का मिलन हो- सम्मेलन
16. सुन्दर हृदय वाला- सुहृद
17. जीने की इच्छा- जिजीविषा
18. तैरने की इच्छा- तिविषा
19. सिर पर धारण करने योग्य- शिरोधार्य
20. जिसका दूसरा उपाय न हो- निरुपाय
21. अनुचित बाद के लिए आग्रह- दुराग्रह
22. जो किसी की ओर से हो- प्रतिनिधि
23. गिरा हुआ- पतित
24. जो युद्ध में स्थिर रहता हो- युधिष्ठिर
25. जो बुरी लतों में आसक्त है- दुर्व्यसनी
26. जो मृत्यु के समीप हो- मुमूर्ष
27. जो हमेशा रहने वाला हो- शाश्वत
28. जो मुकद्मा दायर करता है- वादी
29. जो कलाओं का ज्ञाता हो- कलाविद्
30. आया हुआ- आहूत, आगत
31. लौटकर आया हुआ- प्रत्यागत
32. जो आसानी से प्राप्त हो सके- सुलभ
33. जो मछली खाता हो- मत्स्यभक्षी
34. शक्ति का उपासक- शाक्त
35. जो अभी-अभी आया हो- नवामन्तुक
36. जिसका अनुभव किया गया हो- अनुभूत
37. जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती- अचिन्त्य
38. अवश्य ही होने वाला- अवश्यम्भावी
39. इस संसार का- लौकिक
40. जो शत्रु की हत्या करता हो- शत्रुघ्न
41. उद्धार करने वाला- उद्धारक
42. मधुर भाषा बोलने वाला- मधुभाषी
43. जो पहले घट चुका है- भूतपूर्व
44. प्रतिकूल या विपक्ष के पक्ष का- विपक्षी
45. जो दिखने में प्रिय लगता है- प्रियदर्शी
46. जो खुले हाथ दान देता है- मुक्तहस्त
47. आँखों से परे- परोक्ष
48. प्रिय बोलने वाला- प्रियवादी
49. वस्तुओं का वहन या ढोने वाला- वाहक
50. हृदय को छलनी करने वाला- हृदय विदारक
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1. लिपियों की जानकारी
2. शब्द क्या है
3. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
4. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
5. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिकशब्द
6. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
7. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
8. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
52. अपनी स्वयं की इक्छा से सेवा करने वाला- स्वयंसेवक
53. जो इस संसार का न हो- अलौकिक
54. पैर से सिर तक- नखशिख
55. कष्ट से होने वाला- कष्टसाध्य
56. जो बाँये हाथ से तीर चलाता है- सख्यकांची
57. मेघ की तरह गरजने वाला- मेघनाद्
58. जो इच्छा के अधीन है- इच्छाधीन
59. जिसने मन किसी विषय में दिया है- दंतचित्त
60. जिसका मूल नहीं है- निर्मूल
61. प्रकृति से संबंधित- प्राकृतिक
62. दुख देने वाला- दुखदायी, दुखद
63. शयन का कक्ष- शयनकक्ष, शयनागार
64. जो किसी दिशा का निर्देशन करता है- निर्देशक
65. जो साँप पकड़ता है और खेल करता है- सपेरा
66. जिसका हृदय टूट गया हो- भन्नहृदय
67. कुन्ती का पुत्र- कौन्तेय
68. गंगा का पुत्र- गांगेय
69. जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की हो- लब्धप्रतिष्ठ
70. किसी विषय विशेष का जानकार- विशेषज्ञ
71. आकाश को चूमने वाला- गगनचुम्बी
72. जो विधि के विरुद्ध हो- अवैध
73. जिसकी पत्नी साथ नहीं है- विपत्निक
74. आशा से अधिक- अप्रत्याशित
75. क्षण भर में नष्ट होने वाला- क्षणभंगुर
76. चार पैर वाला- चौपाया
77. चार भुजाओं वाला- चतुर्भुज
78. जो विषय आदि गुणों जैसे सत, रज, तम से रहित हो- निर्गुण
79. पीने योग्य- पेय
80. जिसकी चमक विद्युत की तरह हो- विद्युतप्रभ
81. जिसका प्रयोजन सिद्ध हो चुका हो- कृतार्थ
82. जो बात विचार में आ सके- विचारगम्य
83. जिसके पत्ते झड़ गये हों- प्रपर्ण
84. बिना आयास के या बिना प्रयोजन के- अनायास
85. रात व संध्या के बीच की बेला- गोधूली बेला
86. तितर-बितर वर्षा का होना- अनावृष्टि
87. एक एक अक्षर तक या जैसा का वैसा- अक्षरशः
88. अनिश्चित जीविका- आकाशवृति
89. किसी के पास रखी दूसरे की वस्तु- धरोहर
90. संकटों से घिरा हुआ- संकटापन्न
91. नगर का निवासी- नागरिक
92. पूछा जाने योग्य- पृष्टव्य
93. कानून द्वारा प्राप्त किया हुआ- विधि प्रदत्त
94. तर्क के द्वारा माना हुआ- तर्कसिद्ध
95. न ज्यादा ठंडा न ज्यादा गरम- समशीतोष्ण
96. धीमे काम करने वाला, जिसका परिणाम एक लम्बे समय बाद निकलने वाला हो- दीर्घसूत्री
97. जिसे किसी विषय का पूर्ण ज्ञान हो- पारंगत
98. नई-नई बातों को ग्रहण करने वाला- पगविरति
99. भूगोल से संबंधित- भौगोलिक
हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार
101. जो भिन्न-भिन्न या विरोध से युक्त हो- विवादास्पद
102. सभी का एक मत हो- मतैक्य
103. जिसकी त्रुटियों को दूर कर दिया गया हो या परिवर्तित किया गया- संशोधित
104. जिसकी गहराई ज्ञात न हो- अथाह
105. किसी बात पर नियंत्रण लगाया जाये- अंकुश
106. जिसका कोई उपचार न हो- असाध्य
107. अपने कर्म को करने में निष्ठा रखने वाला- कर्तव्यनिष्ठ
108. बगैर वेतन के काम करने वाला- अवैतनिक
109. किसी विशेष संकल्प के साथ भोजन छोड़कर विरोध दर्शाना- अनशन
110. जो सबके लिए हो- सार्वजनिक
111. बिना किसी का ध्यान रखें अपने मन मुताबिक कार्य करने वाला- निरंकुश
112. जो किसी को दिखाई न दे- अदृश्य
113. छोटा भाई- अनुज
114. स्पष्ट व बिना संकोच या भय के बोलने वाला- स्पष्टवादी
115. सबके प्रति समाता का भाव रखने वाला- समदर्शी
116. अनर्गल व अधिकाधिक बोलने वाला- वाचाल
117. पूर्व के देशों से सम्बंधित- पौर्षाव्य
118. पश्चिम के देशों से संबंधित- पाश्चात्य
119. जिसका भाग्य अच्छा हो- भाग्यशाली
120. भय या शोक के कारण कर्तव्य निर्धारण में असमर्थ- किंकर्तव्यविमूढ़
121. एक ही समय पर घटने वाला- समकालीन
122. समय के अनुसार चलने वाली- समसामयिक
123. माहवार- मासिक
124. प्रतिदिवस का- दैनिक
125. वह स्त्री जिसके पति ने उसे छोड़ दियाहो- परिव्यक्ता
126. पानी में जन्म लेने वाला- नीरज
127. जिसका तेज समाप्त हो गया हो- निस्तेज
128. हाथ की सफाई- हस्तलाघव
129. जिसकी उपमा न दी जासके- अनुपम
130. जिसके समान अन्य दूसरा न हो- अद्वितीय
131. जिसकी उपमा न दी जा सके- अनुपमेय
132. जो जन्म से अन्धा हो- जन्मान्ध
133. जो सब जगह उपस्थित हो- सर्वव्यापी
134. निन्दा का पात्र- निन्दनीय
135. सबसे आगे रहने वाला- अग्रणी
136. सबसे आगे चलने वाला- अग्रगामी
137. दो भाषाओं का ज्ञाता- द्विभाषी
138. जो धर्म का काम करे- धर्मी
139. जो धर्म के विरुद्ध काम करे- अधर्मी
140. दूर तक की बात सोचने वाला- अग्रसोचु
141. जो किसी कार्य के आगामी परिणाम के बारे में सोचने की क्षमता रखे- दूरदर्शी
142. जिसका आकार न हो- निराकार
143. परीक्षा में असफल- अनुत्तीर्ण
144. जिसे किसी चीज का मोह न हो- निर्मोही
145. जो दूसरों का उपकार करे- परोपकारी
146. जो कहा ना जा सके- अकथ
147. स्वयं को सेवा में लगाने वाला- स्वयंसेवी
148. पखवाड़े में घटित- पक्षिक
149. समान दृष्टि रखने वाला- समदर्शी
इस 👇 बारे में भी जानें।
1. परिचय का पत्र लेखन
151. प्रशासन के संबंधित- प्रशासनिक
152. देश का प्रमुख नागरिक- गणमान्य
153. कम बुद्धि वाला- अल्पज्ञ
154. जो सब कुछ जानता हो- सर्वज्ञ
155. जिसका व्यवहार अच्छा हो- सदाचारी
156. जो पाने या लेने की इच्छा रखे- लालची
157. जो नई बात जानने हेतु खोज करे- अन्वेषक
158. क्षमा के योग्य- क्षम्य
159. जिसका कोई शत्रु न हो- अजातशत्रु
160. जिसकी कभी मृत्यु न हो- अमर
161. वह जमीन जिसमें कुछ भी पैदा न हो- उसर
162. जो केवल एक आँख वाला हो- एकाक्ष
163. सूर्य के उदय होने का स्थान- उदयाचल
164. इस संसार से संबंधित- सांसारिक
165. इस लोक से संबंधित- लौकिक
167. जिसके उपर किसी का उपकार हो- उपकृत
168. आत्मा से संबंधित- आध्यात्मिक
169. सिर से लेकर पैरों तक- आपदमस्तक
170. नया बनाने का कार्य- आधुनिकीकरण
171. जो सर्वप्रथम गिना जाता हो- अग्रगण्य
172. जिसे ईश्वर या धर्म पर विश्वास हो- आस्तिक
173. जिसे ईश्वर या धर्म पर विश्वास न हो- नास्तिक
174. इस लोक से भिन्न या हटकर- अलौकिक
175. जिसका विभाजन हो गया हो- विभक्त
176. जिसे व्यवहार में न लाया जाता हो- अव्यवहृत
177. जिस वस्त्र को पहना न गया हो- अप्रहत
178. जिसे थोड़ा ज्ञान हो- अल्पज्ञ
179. विकृत शब्द- अपभ्रंश
180. बेकार तथा फिजूलखर्ची- अपव्ययी
181. उपमा से रहित- अनुपम
182. जो वर्णन से रहित हो- अनिर्वचनीय
183. जिसका त्यागग न किया जाये- अपरिहार्य
184. जिसका जन्म अण्डे से हुआ हो- अण्डज
185. जिसका जन्म पहले हुआ हो- अग्रज
186. जिसका जन्म पीछे हुआ हो- अनुज
187. जिसे किसी चीज से लगाव हो- अनुरक्त
188. प्रासाद के अंदर का भाग- अन्तःपुर
इन 👇 कविताओं एवं उनके अभ्यास के बारे में भी जानें।
1. जिसने सूरज चाँद बनाया भावार्थ एवं अभ्यास
2. पुष्प की अभिलाषा प्रश्न और उत्तर
3. 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का भावार्थ
4. 'मत ठहरो तुमको चलना ही चलना है।'
5. वर दे ! कविता (सरस्वती वन्दना) का अर्थ
6. प्रायोजनाकार्य- विजयी विश्व तिऱंगा प्यारा
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