
पुनरुक्त शब्द एवं इसके प्रकार | पुनरुक्त और द्विरुक्ति शब्दों में अन्तर | Punrukt shabd ke prakar
पुनरुक्त शब्द–
जब किसी शब्द की एकसाथ दो बार आवृत्ति होती है अर्थात वही शब्द या उस से मिलता जुलता (प्रति-ध्वन्यात्मक या विलोम) शब्द एक साथ पास-पास आते हैं तो ऐसे शब्द को पुनरुक्त शब्द कहते हैं।
उदाहरण– धीरे-धीरे, आना-जाना, गड़-गड़, रुक-रुक आदि।
पुनरुक्त शब्द के प्रकार–
1. पूर्ण पुनरुक्त शब्द– जब शब्द युग्म में पहली इकाई (शब्द) ही दूसरी इकाई के रूप में ज्यों की त्यों आती है, वहाँ पूर्ण पुनरुक्त शब्द होते हैं।
जैसे - धीरे-धीरे, डाल-डाल, द्वार-द्वार आदि।
2. अपूर्ण पुनरुक्त शब्द– जहाँ शब्द युग्म में दूसरी इकाई पहली इकाई से बना कोई रूप धारण कर आती है, वहाँ अपूर्ण पुनरुक्त शब्द होते हैं।
जैसे- सीधा-सादा, भोला भाला, साजो-सामान, मेल-मिलाप आदि।
3. प्रति-ध्वन्यात्मक पुनरुक्त शब्द– जहाँ शब्द युग्म में दूसरा शब्द पहले की प्रतिध्वनि होता है वहाँ प्रति-ध्वन्यात्मक पुनरुक्त शब्द होते हैं।
जैसे- चाय-वाय, झट-पट, छम-छम, खट-पट।
4. भिन्नात्मक पुनरुक्त शब्द- भिन्नात्मक पुनरुक्त शब्द युग्म में प्रत्येक शब्द भिन्न अर्थ रखने वाला होता है। इस प्रकार के शब्दों में दोनों शब्द एक दूसरे के विलोम भी हो सकते हैं।
जैसे- पढ़ाई-लिखाई, एक-दो, हानि-लाभ।
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पुनरुक्त और द्विरुक्ति शब्दों में अन्तर
द्विरुक्ति शब्द– द्विरुक्ति का आशय दोहराना है। द्विरुक्ति में एक ही शब्द की दो बार आवृत्ति होती है।
पुनरुक्त शब्द– पुनरुक्त में यह जरूरी नहीं कि एक ही शब्द की दो बार आवृत्ति हो, भिन्न शब्द भी आ सकता है। पुनरूक्त शब्द में द्विरुक्ति की स्थिति भी बन जाती है। किन्तु पुनरूक्त शब्दों में एक ही शब्द के अतिरिक्त अपूर्ण, प्रति ध्वन्यात्मक और विलोम शब्द भी आ सकते हैं।
टीप– शब्द युग्म में दो शब्दों के बीच योजक चिह्न (-) का प्रयोग होता है।
जैसे- कभी-कभी, एक-दो आदि।
आपने पुनरुक्त शब्दों के प्रकारों के बारे में जान लिया है अब निम्नलिखित शब्द युग्मों में से (क) पूर्ण पुनरूक्त (ख) अपूर्ण पुनरूक्त (ग) प्रति ध्वन्यात्मक शब्द और (घ) भिन्नार्थक शब्द में छाँटिए।
पहले-पहले, रोने-धोने, सुन-सुन, प्रचार-प्रसार, जहाँ-तहाँ, कुछ-कुछ, कपड़े-वपड़े, इकडे-तिकड़े, बार-बार, मिली-जुली, ताई-चाची।
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आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
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