Cash Book kaise likhe in hindi | कैशबुक लिखने का तरीका
यहाँ पर कैसबुक लेखन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी बिंदुवार प्रस्तुत की गई है।
Currently, it is necessary to maintain a cash book for the maintenance of financial matters in any institution or school. The head of the institution is required to show an account of income and expenditure in the CAS book. If we know how to write the Casbook correctly then there is no problem. But we do not know how to write a CASE book, then it is necessary to take the support of other knowledgeable persons. If the information is not properly mentioned in the casebook, there may be problems at the time of audit.
Important information related to writing casinos is presented here point wise.
रोकड़ बही (कैश बुक) के प्रमुख खण्ड (colamns) एवं उनमें भरी जाने वाली जानकारी का विवरण Details of the major sections (cash book) of the cash book and the information to be filled in them-
कैश बुक के दो पृष्ठ होते हैं। प्रथम पृष्ठ में आय का विवरण (प्राप्तियों योग) होता है और द्वितीय पृष्ठ में व्यय का विवरण लिखा जाता है। चूंकि इन दोनों पृष्ठों को एक ही पृष्ठ के रूप में दर्शाया जाता है। (नीचे आप वीडियो देखेंगे तो इसमें सारी जानकारी आपको समझ में आ जाएगी।)
The cash book has two pages. The first page contains the income statement (receipts totals) and the second page details the expenditure. Since both these pages are represented as a single page. (If you watch the video below, you will understand all the information in it.)
यदि आप वित्तीय अभिलेखों से संबंधित अन्य जानकारी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए टॉपिक्स पर टच करें।
1. स्टॉक रजिस्टर कितने प्रकार के होते हैं
2. नई स्टॉक पंजी कैसे लिखें
3. लेजरबुक कैसे लिखें
[A] प्रथम पृष्ठ- आय (प्राप्तियों) का विवरण First page - Statement of income (receipts)
1. दिनांक (Date)- इस खंड में किसी भी मद में आय (आवक) होने की दिनांक को अंकित किया जाता है अर्थात जिस तिथि को विद्यालय या संस्था को आवक प्राप्त होती है उस दिनांक को लिखा जाता है। साथ ही इसी तिथि को व्यय के खण्ड में भी लिखा जाता है, बावजूद व्यय किया गया हो या न किया गया हो।
In this section, the date of receipt of income (inward) in any item is marked, ie the date on which the school or institution receives inward. Also, on the same date, it is also written in the section of expenditure, irrespective of whether expenditure has been incurred or not.
2. प्राप्ति क्रमांक या रसीद क्रमांक Receipt Number or Receipt Number- इस खंड में किसी संस्था को जब किसी मद के लिए आवक प्राप्त होती है तो उसकी पावती (रिसिप्ट) प्राप्त होती है उस रिसिप्ट (पावती) के क्रमांक को यहाँ पर अंकित किया जाता है।
In this section, when an organization receives inward for an item, it receives its receipt (serial number of that receipt).
टीप (Note)- यदि किसी मद में राशि सीधे बैंक खाते में जमा की गई है तो इस खंड में पावती क्रमांक निरंक अंकित किया जाता है। वर्तमान में किसी भी संस्था के किसी भी मद में राशि सीधे बैंक खाते में ही जमा की जाती है, अतः इस खंड में प्रायः निरंक ही लिखा जाता है।
If the amount in an item has been deposited directly into the bank account, then the acknowledgment number in this section is numbered. Currently, funds under any item of any institution are deposited directly into the bank account itself, so this section is usually written as nill.
3.आय के ब्यौरे (Income Details)- इस खंड में संस्था को जिस मद के लिए भी आय प्राप्त होती है अर्थात राशि जमा की जाती है, उसका विवरण दर्शाया जाता है।
In this section a description of the item for which the institution receives income, that is, the amount is deposited, is shown.
4. खाता बही (ledger) पृष्ठ क्रमांक Ledger page number- इस कॉलम में लेजर बुक के उस पृष्ठ क्रमांक को दर्शाया जाता है, जो की आय के ब्यौरे का विवरण दर्शाया हुआ होता है। अर्थात इससे हमको यह ज्ञात होता है कि आवक का यह विवरण खाता बही के किस-किस पृष्ठ क्रमांक पर उपलब्ध है।
In this column, the page number of the ledger book is shown, which shows the details of the income details. That is, we get to know that this incoming statement is available on which page number in the ledger.
5. प्राप्ति का विवरण Statement of receipt- इस खंड के तीन भाग हैं। This section has three parts.
(क) नगद रकम (राशि)Cash amount- इस खंड में यदि संस्था को आवक के रूप में नगद राशि की प्राप्ति होती है तो उसे दर्शाया जाता है। किंतु वर्तमान में नगद राशि प्राप्त नहीं होती है अतः इस खंड में जानकारी निरंक ही भरी जाती है।
In this section, if the institution receives cash in the form of inward, then it is shown. But at present, the cash amount is not received, so the information in this section is filled in only.
(ख) बैंक में जमा राशि Bank balance- इस खंड में उस राशि का विवरण लिखा जाता है जो कि संस्था या विद्यालय के लिए किसी मद हेतु राशि बैंक खाते में जमा होती है।
In this section, a description of the amount that is deposited in the bank account for an item for an institution or school.
(ग) योग (Total)- इस खंड में नकद रकम एवं बैंक में जमा राशि का योग लिखा जाता है।
In this section, the sum of the cash amount and the bank deposit is written.
[B] द्वितीय पृष्ठ व्यय (खर्च) का विवरण Statement of Second Page (Expenditure)-
1. दिनांक (Date)- इस खंड में व्यय की राशि के व्यय किये जाने की दिनांक को लिखा जाता है।
In this section, the date the amount of the expenditure was spent is written.
2. बिल (व्हाउचर) क्रमांक Bill (Voucher) Number- इस खंड में व्यय की गई राशि का बिल अर्थात वाउचर क्रमांक लिखा जाता है। किसी मद से यदि कोई सामग्री संस्था या विद्यालय के लिए खरीदी जाती है तो दुकानदार से हमें बिल प्राप्त होता है। (यह बिल टिन नंबर एवं जीएसटी युक्त होना चाहिए।) हमें इस बिल पर अपने वाउचर फाइल के बिल क्रमांक के अनुसार ही क्रमांक लिखकर अंकित करना चाहिए। वाउचर में दुकानदार का बिल क्रमांक लिखा हुआ होता है, उसे नहीं लिखना है बल्कि हमको अपने व्हाउचर फाइल के अनुसार बिल के आगे के क्रमांक लिखकर ही कैशबुक में लिखना चाहिए।
In this section, the bill of the amount spent ie voucher number is written. If any item is purchased for an institution or school, then we get a bill from the shopkeeper. (This bill should be with tin number and GST.) We should mark this bill by writing the serial number according to the bill number of our voucher file. The voucher contains the bill number of the shopkeeper, it is not to be written but we should write it in the cashbook only by writing the next serial number of the bill according to our voucher file.
3. व्यय के ब्यौरे Expenditure Details- इस कॉलम में जिस दुकान को हम चैक, नगद या किसी माध्यम से भुगतान करते हैं, उस दुकान का नाम और उस बिल क्रमांक के अनुसार भुगतान किया गया है विवरण लिखना होता है।
In this column, the name of the shop to which we pay by check, cash or by any means, the name of the shop and the bill number is paid according to the description.
4. लेजर (खाता बही) पृष्ठ क्रमांक Ledger page number- इस खंड में व्यय का विवरण, खाता बही अर्थात लेजर के पृष्ठ पर लिखा होता है उस पृष्ठ का क्रमांक दर्शाया जाता है।
In this section, a description of the expenditure is written on the ledger page of the ledger, and the serial number of that page is shown.
5. व्यय का विवरण Statement of expenditure- इस खंड के अंतर्गत तीन बिंदु आते हैं। Three points fall under this section.
(क) नगद व्यय Cash outlay- इस खंड में उस राशि को दर्शाया जाता है जो हम नगद राशि दुकानदार को भुगतान कर सामग्री क्रय करते हैं।
This section shows the amount we pay to the cash shopkeeper and purchase the material.
(ख) बैंक या चैक द्वारा By bank or check- इस खंड में में दुकानदार को चैक देकर या उसके बैंक खाते में ट्रांसफर कर भुगतान करते हैं, उसका विवरण दर्शाया जाता है।
In this section, the details of the payment made by giving check to the shopkeeper or by transferring it to his bank account are shown.
(ग) योग (Total)- नगद भुगतान, चैक द्वारा किया गया भुगतान या बैंक में ट्रांसफर के योग को लिखा जाता है।
The sum of the cash payment, check payment or bank transfer is written.
[C] महायोग Grand total- कैश बुक के दोनों पृष्ठों के नीचे प्रत्येक में तीन खंड होते हैं।
The cash book has three sections each at the bottom of both pages.
(a) आय के पृष्ठ में In the revenue page-
1. माह में कुल प्राप्ति Month Total Receipts- इस कॉलम (खंड) में माह में विभिन्न मदों में प्राप्त हुई राशियों के योग को लिखा जाता है।
The column (section) reads the sum of the amounts received in different items in the month.
2. प्रारंभिक शेष Opening balance- इस खंड में संस्था या विद्यालय के बैंक खाते में पूर्व की जो राशि होती है, उसे अंकित किया जाता है।
In this section, the amount held earlier in the bank account of the institution or school is marked.
3. महायोग Grand Total- इस खंड में माह में कुल प्राप्तियाँ एवं प्रारंभिक शेष के योग्य को लिखा जाता है।
In this section, the total receipts and the initial balance in the month are written.
(b) व्यय के पृष्ठ में In expense page-
1. माह में कुल व्यय Monthly Expenditure- इस खंड में माह में जितनी जितनी राशि विभिन्न मदों में खर्च की जाती है, समस्त व्यय के योग को लिखा जाता है।
In this section, the sum of all the expenditure is spent on the amount of money spent in different items in the month.
2. अंतिम शेष Last remaining- इस खंड में कुल आय के खंड की राशि के महायोग से, व्यय की गई राशि को घटाकर शेष राशि को अंकित करते हैं।
In this section, by subtracting the amount spent, by subtracting the amount spent from the total amount of the total income section.
3. महायोग (Grand Total)- इस खंड में माह में कुल व्यय एवं अंतिम शेष को जोड़कर लिखा जाता है।
In this section, the total expenditure and the final balance in the month are written by adding.
इस तरह से कैसबुक के प्रमुख कालमों में जानकारी लिखी जानी चाहिए। आपकी सुविधा के लिए कैश बुक के दो चित्र दिखाए गए हैं, इन्हें आप देखकर कैसबुक लेखन कर सकते हैं। इसके अलावा महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को आप अवश्य ही देखें। कैसबुक के इन पृष्ठों को आप डाउनलोड ऑप्शन से डाउनलोड भी कर सकते हैं।
In this way, information should be written in the major columns of the Casbook. For your convenience, two pictures of cash book are shown, you can write casbook by looking at them. Apart from this, you must watch the video below to get important information. You can also download these pages of the Casbook with the download option.
धन्यवाद।
RF Temre
infosrf.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
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Omprakash Deshmukh
Posted on December 26, 2020 03:12PM
Well information ji
D S PATLE
Posted on December 27, 2020 02:12AM
Very nice