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हिन्दी गद्य की प्रमुख एवं गौण (प्रकीर्ण) विधाएँ || Hindi Sahitya ki pramukh and goud vidhaye


हिन्दी गद्य की प्रमुख एवं गौण (प्रकीर्ण) विधाएँ || Hindi Sahitya ki pramukh and goud vidhaye

उप शीर्षक:
हिन्दी के गद्य साहित्य की विधाओं को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है। एक वर्ग "प्रमुख" विधाओं एवं दूसरा "गौण" (प्रकीर्ण) विधाओं का है।

हिन्दी गद्य की विधाएँ

हिन्दी के गद्य साहित्य की विधाओं को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है। एक वर्ग "प्रमुख" विधाओं का है। इनमें 'नाटक', 'एकांकी', 'उपन्यास', 'कहानी', 'निबंध' और 'आलोचना' को रखा जाता है। दूसरा वर्ग "गौण या प्रकीर्ण" विधाओं का है। इनके अन्तर्गत 'जीवनी', 'आत्मकथा', 'यात्रावृत्त', 'पत्र-साहित्य', 'संस्मरण', 'रेखाचित्र', 'रिपोर्ताज', 'गद्य-काव्य', 'डायरी', 'भेंटवार्ता' आदि का उल्लेख किया जा सकता है। गद्य की विभिन्न विधाओं का वर्गीकरण निम्नानुसार है-

प्रमुख विधाएँ
1. नाटक
2. एकांकी
3. उपन्यास
4. कहानी
5. निबंध
6. आलोचना

गौण या प्रकीर्ण विधाएँ
1. जीवनी
2. आत्मकथा
3. यात्रा वृत्त
4. संस्मरण
5. रेखा चित्र
6. गद्य-काव्य
7. रिपोर्ताज
8. डायरी
9. भेंट वार्ता
10. पत्र-साहित्य

प्रमुख विधाओं में 'नाटक', 'उपन्यास', 'कहानी', 'निबंध' तथा 'आलोचना' का आरम्भ तो भारतेन्दु युग में हुआ। द्विवेदी युग में 'जीवनी', 'यात्रा वृत्त', 'संस्मरण' और 'पत्र साहित्य' का आरंभ हुआ। 'गद्य काव्य', 'संस्मरण', और 'रेखा-चित्र' की विधा छायावाद युग में विशेष समृद्ध हुई। 'आत्मकथा', 'रिपोर्ताज', 'भेंट वार्ता', 'डायरी', 'व्यंग्य लेखन', 'एकालाप' आदि अनेक विधाएँ छायावादोत्तर युग में विकसित एवं समृद्ध हुई। बीसवीं शताब्दी के इस नौवें दशक में इन नई विधाओं में प्रचुर गद्य साहित्य प्रकाशन हुआ है जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित हो रहा है।

हिन्दी साहित्य के इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें।
1. हिन्दी गद्य साहित्य की विधाएँ
2. हिन्दी गद्य साहित्य की गौण (लघु) विधाएँ
3. हिन्दी साहित्य का इतिहास चार काल
4. काव्य के प्रकार
5. कवि परिचय हिन्दी साहित्य

हिन्दी साहित्य के इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें।
1. हिन्दी के लेखकों का परिचय
2. हिंदी भाषा के उपन्यास सम्राट - मुंशी प्रेमचंद
3. हिन्दी नाटक का विकास
4. हिन्दी एकांकी के विकास का इतिहास
5. हिन्दी उपन्यास का विकास
6. हिन्दी कहानी का विकास
7. केशव दास रचित गणेश वंदना का हिन्दी भावार्थ
8. बीती विभावरी जाग री― जयशंकर प्रसाद
9. मैया मैं नाहीं दधि खायो― सूरदास
4. बानी जगरानी की उदारता बखानी जाइ― केशवदास
5. मैया, मोहिं दाऊ बहुत खिझायो― सूरदास

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1. मो देखत जसुमति तेरे ढोटा, अबहिं माटी खाई― सूरदास
2. मीराबाई– कवि परिचय
3. सखी री लाज बैरन भई– मीराबाई
4. भेजे मनभावन के उद्धव के आवन की– जगन्नाथ दास 'रत्नाकर'
5. कबीर संगति साधु की– कबीर दास

हिन्दी साहित्य के इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें।
1. सुनि सुनि ऊधव की अकह कहानी कान– जगन्नाथ दास 'रत्नाकर'
2. हिन्दी पद्य साहित्य का इतिहास– आधुनिक काल
3. कबीर कुसंग न कीजिये– कबीरदास
4. आए हौ सिखावन कौं जोग मथुरा तैं तोपै– जगन्नाथ दास 'रत्नाकर'
5. जो पूर्व में हमको अशिक्षित या असभ्य बता रहे– मैथिलीशरण गुप्त

हिन्दी साहित्य के इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें।
1. जो जल बाढ़ै नाव में– कबीरदास
2. देखो मालिन, मुझे न तोड़ो– शिवमंगल सिंह 'सुमन'
3. शब्द सम्हारे बोलिये– कबीरदास
4. छावते कुटीर कहूँ रम्य जमुना कै तीर– जगन्नाथ दास 'रत्नाकर'
5. भज मन चरण कँवल अविनासी– मीराबाई

हिन्दी साहित्य के इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें।
1. हिंदी का इतिहास– भारतेन्दु युग (विशेषताएँ एवं प्रमुख कवि)
2. हिन्दी का इतिहास– द्विवेदी युग (विशेषताएँ एवं कवि)
3. हिन्दी गद्य साहित्य का विकास - भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावादी युग, छायावादोत्तर युग


आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.
लेखक
(Writer)
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