An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



केशव दास रचित– गणेश वन्दना || सरल हिन्दी भावार्थ || Ganesh Vandna (Keshvdas)

  • BY:
     RF Temre

बालक मृणालनि ज्यों तोरि डारै सब काल,
कठिन कराल त्यों अकाल दीह दुख को।
बिपति हरत हठि पद्मिनी के पात सम,
पंक ज्यों पताल पेलि पठवै कलुष को।
दूरि कै कलंक-अक भव-सीस-ससि सम,
राखत है केशोदास दास के बपुष को।
साँकरे की साँकरनि सनमुख होत तोरै,
दसमुख मुख जोवैं गजमुख-मुख को।

हिन्दी में सरल भावार्थ– इस वंदना में कठिन काव्य के प्रेत आचार्य 'केशवदास' ने गणेश जी की महिमा का बखान किया गया है। केशवदास श्री गणेश को प्रणाम करते हुए कहते हैं कि जिस प्रकार हाथी का बच्चा किसी भी समय कमल नाल को आसानी से तोड़ देता है, उसी प्रकार गणेश जी अपने भक्तों की भयानक विपत्तियों को किसी भी समय आसानी से दूर कर देते हैं। गणेश जी अपने भक्तों की विपत्तियों और संकटों को इस प्रकार दूर कर देते हैं, जिस प्रकार हाथी का बच्चा कमलिनी के पत्तों को आसानी से तोड़ देता है। गणेश जी अपने भक्तों के दुखों और संकटों को इस प्रकार पाताल लोक भेज देते हैं, जिस प्रकार हाथी का बच्चा आसानी से कीचड़ को मसल देता है। जिस प्रकार भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने सिर पर धारण कर उसे कलंक से मुक्त कर दिया है, ठीक उसी प्रकार गणेश जी अपने भक्तों को कलंक मुक्त कर देते हैं। वे अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं तथा उनके संकट और विपत्तियों को दूर करते देते हैं। गणेश जी अपने भक्तों के संकटों की जंजीर को सामने आकर सरलता से तोड़ देते हैं। इसलिए दशमुख अर्थात् चार मुख वाले ब्रह्मा, एक मुख वाले विष्णु और पाँच मुख वाले शिव दया भाव की दृष्टि से भगवान श्री गणेश की ओर देखते हैं।

हिन्दी साहित्य के इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें।
1. हिंदी गद्य साहित्य की विधाएँ
2. हिंदी गद्य साहित्य की गौण (लघु) विधाएँ
3. हिन्दी साहित्य का इतिहास चार काल
4. काव्य के प्रकार
5. कवि परिचय हिन्दी साहित्य

हिन्दी साहित्य के इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें।
1. हिन्दी के लेखकों का परिचय
2. हिंदी भाषा के उपन्यास सम्राट - मुंशी प्रेमचंद
3. हिन्दी नाटक का विकास
4. हिन्दी एकांकी के विकास का इतिहास
5. हिन्दी उपन्यास का विकास
6. हिन्दी कहानी का विकास

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com


आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
infosrf.com

  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

केशव दास रचित– गणेश वन्दना || सरल हिन्दी भावार्थ || Ganesh Vandna (Keshvdas)

गणेश जी अपने भक्तों की विपत्तियों और संकटों को इस प्रकार दूर कर देते हैं, जिस प्रकार हाथी का बच्चा कमलिनी के पत्तों को आसानी से तोड़ देता है।

Read more

Follow us

Catagories

subscribe

Note― अपनी ईमेल id टाइप कर ही सब्सक्राइब करें। बिना ईमेल id टाइप किये सब्सक्राइब नहीं होगा।