An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



पाठ 1 पुष्प की अभिलाषा - पाठ के अनछुए बिन्दु || प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु जानकारियाँ || Information of Hindi for Competitive Exams

(1) सन्दर्भ लेखन क्या है और कैसे लिखा जाता है?
○ सन्दर्भ एक प्रकार से किसी विषयवस्तु/प्रकरण की प्रारंभिक जानकारी अर्थात परिचय होता है। इसका आशय किसी दी गई विषय वस्तु या प्रकरण यथा - गद्य, पद्य आदि का शीर्षक क्या है, किस पाठ्य पुस्तक में (पाठ्य पुस्तक का नाम लिखा जाता है) इसका वर्णन है एवं किस लेखक/कवि के द्वारा लिखा गया है, इस तरह की जानकारी दी जाती है, जिसे सन्दर्भ कहा जाता है।

उदाहरण -
मुझे तोड़ लेना वनमाली,
उस पथ पर तुम देना फेंक।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक।।
उक्त पंक्तियों का संदर्भ इस प्रकार लिखा जाएगा- 'प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती कक्षा -5 के पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' से ली गई है। इस कविता के रचिता श्री माखनलाल चतुर्वेदी जी हैं।'

कविता के उक्त सन्दर्भ में -
कविता का नाम - पुष्प की अभिलाषा
पाठ्यपुस्तक का नाम - भाषा भारती
कक्षा -5
कवि का नाम - माखनलाल चतुर्वेदी
का वर्णन एक परिचय के रूप में दिया गया है। इस तरह दी जाने वाली जानकारी को सन्दर्भ कहा जाता है।

(2) माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म कब और कहाँ हुआ इनकी प्रमुख रचनाएँ कौन सी हैं?
○ माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 ई. को म.प्र. के होशंगाबाद जिले के बाबई नामक स्थान में हुआ था। कृष्णार्जुन युद्ध, हिमकिरीटिनी, साहित्य देवता, हिमतरंगिनी, युगचरण, समर्पण आदि इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। इन्होंने 'प्रभा' व 'कर्मवीर' नामक पत्रिका का भी सम्पादन किया था।

(3) राष्ट्रीय भावना से क्या आशय है?
○ राष्ट्रीय भावना उस भाव को प्रकट करना है जिसमें अपने वतन/राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव हो। जब देश की रक्षा, उन्नति, समृद्धि एवं समरसता के लिए तत्पर होकर कार्य किया जाता है तो इस प्रकार की भावना को राष्ट्रीय भावना कहा जाता है।

(4) हिन्दी भाषा में किसी शब्द को शुद्ध या अशुद्ध किस आधार पर माना जाता है?
○ हिन्दी भाषा में किसी शब्द के शुद्ध या अशुद्ध होने का निर्णय उस शब्द की वर्तनी से किया जाता है जिसका प्रयोग जनसमुदाय के द्वारा आपसी विचार विनिमय विनिमय के लिए किया जाता है। शब्द के उच्चारण से पता चलता है कि उसका अर्थ संदर्भ के अनुसार सही निकल रहा है या नहीं। यदि शब्द का सही भाव निकलता हो तो वह शब्द शुद्ध होगा जबकि प्रकरण के अनुसार सही भाव (अर्थ) न निकल रहा हो तो शब्द अशुद्ध होगा।
उदाहरण - 'बिंध' और 'विंध' शब्दों में 'बिंध' शुद्ध है क्योंकि इसका अर्थ प्रकरण के अनुसार 'पिरोना' (गूथा हुआ) है और सही है। जबकि 'विंध' का कोई अर्थ नहीं है इसलिए यह अशुद्ध शब्द होगा।

(5) पर्यायवाची का क्या अर्थ है?
○ पर्यायवाची शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पर्याय + वाची जिसमें 'पर्याय' का अर्थ होता है 'वैसा ही' या 'उसी तरह का'। ऐसे शब्द जो सामान्यतः किसी एक ही वस्तु, बात (विचार) या भाव की जानकारी देते हों वे आपस में एक दूसरे के पर्याय होते हैं।
'वाचक' का सामान्य अर्थ 'बोध कराने वाला', 'जानकारी देने वाला' या अर्थ प्रदान करने वाला' होता है। वाचक शब्द के अंत में लगे प्रत्यय 'अक' को हटाकर 'ई' प्रत्यय लगा देने से 'वाची' बन जाता है, जिसका अर्थ भी 'बोध कराने वाला' या जानकारी देने वाला होता है।
उदाहरण - शब्द - पुष्प के पर्यायवाची हैं फूल, सुमन, कुसुम, मंजरी, प्रसून, गुल, पुहुप यह सभी एक ही शब्द के अर्थ को प्रकट करते हैं।

(6) अनुस्वार और अनुनासिक क्या है? इनके प्रयोग।
अनुस्वार - अनुस्वार अयोगवाह के अंतर्गत आता है। इसका चिह्न (ं) इस तरह का होता है। यह वर्ण के में लगी शिरोरेखा के उपर बिन्दु (ं) होती है। अनुस्वार पञ्चमाक्षर के बदले प्रयुक्त किया जाता है। इसका उच्चारण कण्ठ से होता है।
उदाहरण - रंगीन, बिंध, गंगा आदि।
अनुनासिक - इसका संकेत (ँ चन्द्रबिंदु) है। यह वर्ण नहीं है। यह अनुनासिक स्वर का चिह्न है। यह भी वर्ण के में लगी शिरोरेखा के उपर लगाई जाती है। स्वरों के ऊपर रहता है और स्वरों के साथ उच्चरित होता है। इसका उच्चारण मुख और नाक, दोनों से होता है।
उदाहरण - गूँथा, ललचाऊँ, चढ़ूँ, इठलाऊँ आदि।

(7) बच्चों को शब्द का वाक्य में प्रयोग सिखाने का क्या प्रयोजन है?
○ बच्चों को वाक्यों में प्रयोग सिखाने का उद्देश्य शब्द का सही भाव ग्रहण करना एवं अन्य शब्दों से सामंजस्य स्थापित कर वाक्य में उचित क्रम पर शब्द को रखना, उद्देश्य होता है।

कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का भावार्थ
2. पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण
3. पाठ 2 'बुद्धि का फल' कक्षा पाँचवी
4. पाठ 3 पं. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर अभ्यास कार्य (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण
5. पाठ 4 'हम भी सीखें' कविता का भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर

●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●

कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. पाठ 5 ईदगाह अभ्यास
2. पाठ - 6 पन्ना का तत्याग भावार्थ
3. पाठ 6 'पन्ना का त्याग' अभ्यास - प्रश्नोत्तर
4. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, तुकांत, पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थी शब्द
5. पाठ-7 'दशहरा' पाठ का सारांश, प्रश्नोत्तर (अभ्यास)

●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●

कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, संयुक्ताक्षर, प्रश्नवाचक एवं संदेहवाचक वाक्य, प्रत्यय जोड़कर संज्ञा से विशेषण बनाना
2. योग्यता विस्तार - दशहरा एवं दीपावली पर्व की जानकारी, रामचरितमानस राम का चरित्र, राम प्रसाद 'बिस्मिल'
3. 'छत्रपति शिवाजी' (चित्रकथा) पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ कक्षा 5 भाषा भारती पाठ 8 प्रश्नोत्तर
4. भाव वाचक संज्ञा | भाषा अध्ययन (व्याकरण) योग्यता विस्तार | पाठ 8 छत्रपति शिवाजी | कक्षा 5 भाषा भारती
5. पाठ 9 रम्मो और कल्लो - पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ, अभ्यास- बोध प्रश्न
6. पाठ 9 'रम्मो और कल्लो' भाषा भारती कक्षा- 5 भाषा अध्ययन (व्याकरण), अकर्मक एवं सकर्मक क्रिया
7. पाठ 10 'नीति के दोहे' संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या एवं अभ्यास

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

other resources Click for related information

Watch video for related information
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

अनुतान क्या है? अनुतान के उदाहरण एवं प्रकार || हिन्दी भाषा में इसकी महत्ता || Hindi Bhasha and Anutan

अनुतान के प्रयोग से शब्दों या वाक्यों के भिन्न-भिन्न अर्थों की अनुभूति होती है। भाषा में अनुतान क्या होता है? अनुतान के उदाहरण, प्रकार एवं इसकी महत्ता की जानकारी पढ़े।

Read more



'अ' और 'आ' वर्णों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य एवं इनकी विशेषताएँ

अ और आ दोनों स्वर वर्णों का उच्चारण स्थान कण्ठ है अर्थात ये दोनों वर्ण कण्ठ्य वर्ण हैं। इनकी विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है।

Read more

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (परिचय) : बौद्धकालीन भारत में विश्वविद्यालय― तक्षशिला, नालंदा, श्री धन्यकटक, ओदंतपुरी विक्रमशिला

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित निबंध : बौद्धकालीन भारत में विश्वविद्यालय― तक्षशिला, नालंदा, श्री धन्यकटक, ओदंतपुरी विक्रमशिला।

Read more

Follow us

Catagories

subscribe