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What is Lockdown? Its disadvantages and indirect significant advantages | लॉकडाउन के हानियाँ एवं अप्रत्यक्ष महत्वपूर्ण लाभ

किसी आपदा या महामारी के समय सरकार द्वारा समस्त सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक गतिविधियों एवं बाजार, पर्यटन, सार्वजनिक परिवहन आदि पर रोक लगा दी जाती है। केवल अति आवश्यक सेवाएँ जैसे- दूध, फल, सब्जियाँ, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएँ, पुलिस प्रशासन जैसी सेवाएँ संचालित होती हैं। आम जनता को स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिकता की स्थिति में ही घर से बाहर निकलने की अनुमति होती है। इसे ही लॉकडाउन या तालाबंदी कहते हैं।

In the time of any disaster or epidemic all social, economic and political activities and markets, tourism, public transport etc. are banned by the government. Only essential services like milk, fruits, vegetables, transportation, health services, services like police administration are operated. The general public is allowed to step out of the house only in case of a health emergency. This is called lockdown or lockout.

वर्तमान समय में Covid-19 महामारी के कारण समस्त विश्व के अनेक देशों में विभिन्न स्थानों पर संक्रमण की स्थिति के अनुसार लॉकडाउन लगाया गया है। ऐसी ही स्थिति सन 1920 में 'स्पेनिश फ्लू' महामारी के समय भी निर्मित हुई थी। तब भी इस महामारी से करोड़ों लोग असमय काल के गाल में समा गए थे। वर्तमान समय में भी Covid-19 महामारी के कारण पूरे विश्व में लाखों मनुष्यों की जान जा चुकी है। Covid महामारी के दूसरे चरण में भारत में भी लाखों लोग संक्रमण से ग्रसित हुए और लगभग 2,00,000 लोगों की जान जा चुकी है। इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार के द्वारा मार्च 2021 से फिर से लॉकडाउन लगाया गया।

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At present, due to the Covid-19 pandemic, lockdown has been imposed in many countries all over the world according to the situation of infection. A similar situation was created during the 'Spanish flu' epidemic in 1920. Even then, crores of people were caught in the throes of time immemorial due to this epidemic. Even in the present time, millions of human beings have lost their lives all over the world due to the Covid-19 pandemic. In the second phase of the covid epidemic, lakhs of people in India also got infected with the infection and about 2,00,000 people have lost their lives. To prevent the infection of this disease, the government imposed a lockdown again from March 2021.

लॉकडाउन के कारण जहाँ एक और वायरस के संक्रमण को रोकना संभव होता है वही दूसरी ओर अनेक समस्याएँ भी उत्पन्न हो जाती हैं। आज इस लेख में हम लॉकडाउन के लाभ एवं हानियों पर चर्चा करेंगे।

Due to the lockdown, where it is possible to prevent the infection of another virus, on the other hand many problems also arise. Today in this article we will discuss the advantages and disadvantages of lockdown.

लॉकडाउन के लाभ (benefits of lockdown)-

1. लॉकडाउन महामारी या आपदा को रोकने में सहायक (Helpful in preventing a lockdown epidemic or disaster)- लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में ही रहते हैं। इससे महामारी का संक्रमण या आपदा से लोगों को बचाने में सहायता मिलती है। संक्रमण का प्रसार रुक जाता है।
(Due to the lockdown, people stay in their homes. This helps in saving people from epidemic infection or disaster. The spread of infection stops.)

2. जल एवं वायु प्रदूषण में कमी (Reduction in water and air pollution)- लॉकडाउन के कारण कल-कारखाने, मोटर गाड़ियाँ, सार्वजनिक परिवहन बंद रहता है इसलिए वायु प्रदूषण में कमी आती है। नदी तालाब इत्यादि जल स्रोत भी स्वच्छ हो जाते हैं। इस प्रकार लॉकडाउन पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सहायक सिद्ध होता है।
(Due to the lockdown, factories, motor vehicles, public transport remain closed, so there is a reduction in air pollution. Water sources like rivers, ponds etc. also become clean. Thus lockdown proves helpful in preventing environmental pollution.)

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3. परिवार के साथ समय बिताने का अवसर (opportunity to spend time with family)- लॉकडाउन में घर के काम करने वाले सदस्य भी पूरे समय घर में रहते हैं। जिससे घर के बच्चे एवं बुजुर्गों को उनके साथ रहने का शुभ अवसर प्राप्त होता है। परिवार में अपनत्व एवं प्यार बढ़ता है। ऐसा शुभ अवसर लॉकडाउन के कारण उपलब्ध हो जाता है। बच्चे एवं बुजुर्ग खुश होते हैं। (The members doing household chores also stay in the house full time during the lockdown. Due to which the children and elders of the house get an auspicious opportunity to stay with them. Affinity and love increases in the family. Such an auspicious opportunity becomes available due to the lockdown. Children and elders are happy.)

4. स्वास्थ्य की देखभाल का समय (Health care time)- लॉकडाउन के दौरान लोग घर में रहकर परिवार के साथ समय बिताते हैं। घर का बना हुआ स्वच्छ भोजन करते हैं। योग, व्यायाम आदि करके अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने का प्रयास करते हैं। संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक उपायों को अपनाते हैं, जिससे सभी का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
(During the lockdown, people stay at home and spend time with family. We eat home cooked clean food. Trying to maintain good health by doing yoga, exercise etc. Take necessary measures to avoid infection, which improves the health of all.)

5. सामाजिक उत्तरदायित्व में वृद्धि (Increased social responsibility)- लॉकडाउन के समय हजारों लोग महानगरों से अपने गाँव की ओर पैदल ही चल पड़े थे, तब अनेक लोग उनकी मदद के लिए आगे आए। उनके लिए भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था की गई। परिवहन के साधन करके उनको गंतव्य तक पहुँचाया गया। इस प्रकार अनेक लोगों में सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना का विकास हुआ। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लोगों ने बखूबी संभाला और अपने आसपास के जरूरतमंदों की भी मदद की।
(At the time of the lockdown, thousands of people were walking from the metros to their villages on foot, then many people came forward to help them. Food and accommodation were arranged for them. They were taken to the destination by means of transport. In this way a sense of social responsibility was developed in many people. People handled their responsibility towards the society very well and also helped the needy around them.)

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6. दुर्घटनाओं एवं अपराध में कमी (Reduction in accidents and crime)- लॉकडाउन के समय सड़कों पर मोटर गाड़ियों की संख्या अत्यंत कम होने से दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई। इसी प्रकार अपराधों में भी कमी देखी गई। लोग अपने घरों में थे इसलिए चोरी, डकैती, लूट, हत्या जैसी घटनाएँ अत्यंत कम हो गई हैं।
(The number of motor vehicles on the roads at the time of the lockdown was extremely low, leading to a significant reduction in accidents. Similarly, there was a decrease in crimes also. People were in their homes, so incidents like theft, dacoity, robbery, murder have become very less.)

7. सीमित साधनों में जीवन यापन की प्रेरणा (Motivation to survive with limited means)- लॉकडाउन के समय में लोग अपने घरों में रहकर घर का बना हुआ स्वच्छ सात्विक भोजन करते हैं, जिससे होटल, रेस्टोरेंट, फास्ट फूड इत्यादि पर होने वाला व्यय बंद हो जाता है। लोगों को घर में उपलब्ध भोज्य पदार्थ खाने और सीमित साधनों से जीवन यापन करने की आदत हो जाती है। इस प्रकार परिवार के अनावश्यक खर्चो में कमी आती है तथा बचत में वृद्धि होती है।
(In the time of lockdown, people stay in their homes and eat clean, home-cooked sattvik food, due to which the expenditure on hotels, restaurants, fast food etc. is stopped. People get used to eating food available at home and living with limited means. In this way unnecessary expenses of the family are reduced and savings increase.)

8. आध्यात्मिकता में वृद्धि (Increase in spirituality)- लॉकडाउन के दौरान रामायण एवं महाभारत जैसे महान धर्म ग्रंथों पर आधारित धारावाहिकों का प्रसारण किया गया, जिससे नई पीढ़ी भी अपने धर्म और संस्कृति से परिचित हुई और उच्च नैतिक आदर्शों को अपने जीवन में धारण करने के लिए भी प्रेरित हुई। लोग अब पहले से अधिक श्रद्धा वाहन और आध्यात्मिक हो गए हैं।
(Serials based on great religious texts like Ramayana and Mahabharata were telecast during the lockdown, due to which the new generation also got acquainted with their religion and culture and also inspired to imbibe high moral ideals in their lives. People are now more revered and spiritual than ever.)

9. मानवीय गुणों का विकास (Development of human qualities)- घर में बच्चे अपने माता-पिता एवं दादा दादी के साथ रहकर तथा अच्छी पारिवारिक फिल्में देखकर मानवीय गुणों को सीखते हैं। उनमें आज्ञा पालन, बड़ों का सम्मान करना, घर के कामों में हाथ बँटाना, जीव जंतुओं के प्रति दया, पड़ोसियों के प्रति उदारता जैसे उच्च मानवीय गुणों को अनायास ही धारण करने लगते हैं।
(At home, children learn human qualities by staying with their parents and grandparents and watching good family movies. They unintentionally imbibe high human qualities like obedience, respect for elders, helping in household chores, kindness towards animals, generosity towards neighbours.)

उपरोक्त के अतिरिक्त भी लॉकडाउन से अनेक लाभ हुए हैं। लेकिन अनेक नई समस्याएँ भी पैदा हो गई हैं। जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं।
(Apart from the above, there have been many benefits from the lockdown. But many new problems have also arisen. Chief among which are the following)-

लॉकडाउन के हानियाँ (Disadvantages of lockdown)-

1. बेरोजगारी एवं जीवन यापन का संकट (Unemployment and livelihood crisis)- उद्योग, व्यवसाय केंद्र, कार्यालय आज ही बंद होने से लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। आमदनी का स्रोत बंद हो जाने से जीवन निर्वाह में कठिनाई उत्पन्न हो गई है। ऐसे मध्यमवर्गीय लोग सहायता के लिए सरकार या अन्य लोगों की ओर हाथ भी नहीं फैला सकते. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा यही वर्ग पीड़ित होता है। गाड़ी, मकान, बीमा आदि की किस्तें, बच्चों की स्कूल फीस, बिजली का बिल, दूध, सब्जी इत्यादि का खर्च चलाना भी कठिन हो जाता है।
(Millions of people have become unemployed due to the closure of industries, business centers, offices today. Due to the closure of the source of income, it has become difficult to survive. Such middle class people cannot even reach out to the government or other people for help. This class suffers the most in the lockdown. It also becomes difficult to manage the cost of car, house, insurance, installments, school fees of children, electricity bill, milk, vegetables etc.)

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2. विकास अवरुद्ध आर्थिक नुकसान (Growth stagnation economic loss)- लॉकडाउन के कारण विनिर्माण उद्योग, सार्वजनिक परिवहन बंद हो जाने से देश का आर्थिक विकास रुक जाता है। विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माण से शासन को होने वाली राजस्व प्राप्ति भी बंद हो जाती है, जिससे सरकार और समाज का बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होता है।
(The economic development of the country stops due to the closure of manufacturing industry, public transport due to the lockdown. Manufacturing of various consumer goods also stops the revenue receipt of the government, causing huge economic loss to the government and society.)

3. रोजगार बंद होने से तनाव एवं अवसाद (Stress and depression due to job loss)- जिन लोगों का रोजगार खत्म हो जाता है, आय का स्रोत बंद हो जाते हैं तथा परिवार की जिम्मेदारियाँ यथावत रहती हैं, ऐसी स्थिति में नौकरी पेशा लोगों में तनाव तथा अवसाद उत्पन्न हो जाता है, जिससे पारिवारिक कलह, लड़ाई-झगड़े, घरेलू हिंसा यहाँ तक की तलाक जैसे मामले भी बढ़ जाते हैं।
(People whose employment ends, the sources of income stop and the responsibilities of the family remain the same, in such a situation tension and depression arise in the unemployed people, which leads to family discord, fights, domestic violence here. Even cases like divorce also increase.)

4. आलस्य के कारण मोटापे में वृद्धि (Increase in obesity due to laziness)- लॉकडाउन के कारण लोगों की दिनचर्या अस्त व्यस्त हो जाती है। रात में देर तक जागना, सुबह देर से उठना, भोजन, स्नान आदि का कोई टाइम टेबल नहीं रह जाता है। लोग आलसी हो जाते हैं और आलस्य के कारण मोटापे में वृद्धि होती है। मोटापा स्वयं ही अनेक रोगों की जननी होता है। इस प्रकार लॉकडाउन आलस्य और मोटापे को बढ़ाता है।
(The daily routine of people gets disturbed due to the lockdown. Waking up late at night, waking up late in the morning, there is no time table for food, bath etc. People become lazy and obesity increases due to laziness. Obesity itself is the mother of many diseases. Thus lockdown increases laziness and obesity.)

5. सरकारी राजस्व में कमी एवं ऋण ग्रस्तता (Government revenue shortfall and indebtedness)- उद्योग, व्यापार, परिवहन एवं समस्त आर्थिक गतिविधियाँ बंद हो जाने से सरकारी राजस्व में कमी आती है। साथ ही सरकार पर सामान्य प्रशासन एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने का अनिवार्य दबाव होता है। विकास कार्यों पर होने वाला वह भी आवश्यक सेवाओं पर व्यय होने लगता है, जिससे सरकार को ऋण लेना पड़ता है। इसी तरह परिवार भी अपने जीवन निर्वाह के लिए उधार लेने हेतु मजबूर हो जाते हैं।
(Due to the closure of industry, trade, transport and all economic activities, there is a decrease in government revenue. At the same time, there is an inevitable pressure on the government to increase the general administration and health facilities. That which is spent on development works also starts being spent on essential services, due to which the government has to take loans. Similarly, families are also forced to borrow for their livelihood.)

6. विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान (student loss of education)- लॉकडाउन के कारण समस्त शासकीय, अशासकीय विद्यालय एवं महाविद्यालय भी बंद हो जाते हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बंद हो जाती है। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सभी विद्यार्थियों के पास संसाधन नहीं होते हैं, जिससे उनका कीमती समय नष्ट हो जाता है। जिन विद्यार्थियों के पास मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, टीवी जैसे संसाधन होते हैं, वे भी हर समय इसी में लगे रहते हैं, जिससे उनकी आँखों पर दुष्प्रभाव होता है। साथ ही वे अवांछित वेबसाइट पर जाकर गलत बातें ग्रहण करने लगते हैं।
(Due to the lockdown, all government, non-government schools and colleges are also closed, due to which the studies of the students also stop. Not all students have the resources to study online, which wastes their precious time. Students who have resources like mobile, laptop, computer, TV, they are also engaged in this all the time, which causes side effects on their eyes. At the same time, they start accepting wrong things by visiting unwanted websites.)

7. साइबर अपराधों में वृद्धि (Increase in cyber crimes)- अनेक पढ़े लिखे लोग रोजगार खत्म हो जाने से तिकड़म अपनाकर पैसा कमाने का विचार करने लगते हैं। जिससे ऑनलाइन ठगी जैसे साइबर अपराध बढ़ जाते हैं।
(Many educated people start thinking of earning money by adopting tricks after the end of employment. Due to which cyber crimes like online frauds increase.)

8. अनेक उद्योगों में स्थाई तालाबंदी (Permanent lockout in many industries)- अनेक व्यवसायिक उपक्रम जैसे पर्यटन, सार्वजनिक परिवहन, होटल व्यवसाय, लॉन, मैरिज हॉल, कैटरिंग व्यवसाय, घोड़े, डिस्को लाइट, बाजे वाले इत्यादि हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं क्योंकि लॉकडाउन के बाद भी लोग महामारी या आपदा के डर से या प्रशासन के दबाव से बड़े आयोजन करने से बचते हैं। सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग नहीं करते जिससे परिवहन, पर्यटन, होटल, व्यवसाय आदि में स्थाई तालाबंदी हो जाती है।
(Many business ventures like tourism, public transport, hotel business, lawns, marriage halls, catering business, horses, disco lights, musicians, hawkers etc. are closed forever because even after the lockdown people are afraid of epidemic or disaster or due to the administration. Avoid organizing big events under pressure. Do not use public transport which leads to permanent lockout in transport, tourism, hotel, business etc.)

9. अर्थव्यवस्था को अपूरणीय क्षति (Irreparable damage to the Economy)- समस्त व्यवसायिक आर्थिक गतिविधियाँ बंद हो जाने से तथा सरकार द्वारा अपने समस्त संसाधनों को अति आवश्यक सेवाओं में लगाने से, देश का आर्थिक विकास रुक जाता है। रोजगार छीनने से लोग पहले से कम खर्च करने लगते हैं, जिससे उपभोक्ता वस्तुओं की माँग कम हो जाती है और वे सभी उद्योग हानी होने के कारण बंद होने की कगार पर पहुँच जाते हैं। इस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था को अपूरणीय क्षति होती है।
(Due to the closure of all commercial economic activities and the government putting all its resources in essential services, the economic development of the country stops. By taking away jobs, people start spending less than before, which reduces the demand for consumer goods and all those industries reach the verge of closure due to loss. In this way irreparable damage is done to the economy of the country.)

इस प्रकार समग्र रूप से हम कह सकते हैं कि जहाँ एक ओर लॉकडाउन से आपदा या महामारी को रोकने में मदद मिलती है वहीं दूसरी ओर समाज और अर्थव्यवस्था के लिए यह कदम आत्मघाती भी होता है। इसलिए वर्तमान परिदृश्य में लॉकडाउन हटाना आवश्यक हो जाता है। सरकार लंबे समय तक लॉकडाउन लगाए नहीं रख सकती। इसलिए संक्रमण की रोकथाम के लिए नागरिकों को ही जिम्मेदार होना होगा। वर्तमान में Covid महामारी से बचाव के लिए सभी दिशानिर्देशों का जैसे- मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन आदि का पालन करना होगा। तभी हम अपने देश को महामारी और आर्थिक नुकसान से बचा पाएंगे। इसीलिए सरकार का मंत्र "जान के साथ जहान्" भी समुचित प्रतीत होता है।

Thus overall we can say that while on one hand lockdown helps in preventing disaster or epidemic, on the other hand this step is also suicidal for the society and economy. So in the present scenario it becomes necessary to remove the lockdown. The government cannot keep the lockdown in place for a long time. Therefore, citizens will have to be responsible for the prevention of infection. At present, all guidelines such as use of masks, social distancing, sanitization etc. have to be followed to prevent the Covid pandemic. Only then will we be able to save our country from the pandemic and economic loss. That is why the government's mantra "Jahan with life" also seems appropriate.

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आशा है, यह लेख आपको बहुत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी लगा होगा।
धन्यवाद।
आलेख (Article)
Ramnath Singh Patle
infosrf.com
रामनाथ सिंह पटले
उच्च माध्यमिक शिक्षक
शास. उच्च. माध्य. विद्यालय बुढ़ैना कलाँ
वि.खं.- बरघाट जि.- सिवनी, मध्य प्रदेश

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

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