Covid-19 बचाव vaccination के first and second dose में एक ही तरह की vaccine लगवाएँ।
हमारे देश में दो तरह की वैक्सीन वर्तमान में उपलब्ध है- (1) कोविशील्ड (2) कोवैक्सीन।
ये दोनों वैक्सीन कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए कारगर हैं, किंतु जब आप वैक्सीन के दोनों डोज लेते हैं, तो दोनों डोज में एक समान ही वैक्सीन होना चाहिए।
यदि आपने पहली बार के डोज में कोविशील्ड की वैक्सीन लगवाई है, तो दूसरे डोज में भी इसी वैक्सीन को ही लगवाना चाहिए। और यदि आपने पहले डोज में कोवैक्सीन की वैक्सीन लगवाई है, तो दूसरे डोज में भी कोवैक्सीन का टीका ही लगवाना चाहिए। आइए जानते हैं, वैक्सीन के संदर्भ में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी।
Two types of vaccine are currently available in our country- (1) Covishield (2) Covaxin.
Both these vaccines are effective in preventing the corona epidemic, but when you take both doses of the vaccine, both doses should have the same vaccine.
If you have applied a covishield vaccine in the first dose, then the same vaccine should be applied in the second dose as well. And if you have administered covaxin's vaccine in the first dose, then covaxin's vaccine should be given in the second dose as well. Let's know, very important information about the vaccine.
भारत में प्रयुक्त होने वाली वैक्सीन के प्रकार (Types of vaccines used in India)-
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि भारत में दो तरह की वैक्सीन लगाई जा रही है- (1) पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बनी कोविशील्ड और (2) हैदराबाद के भारत बायोटेक में बन रही कोवैक्सीन को सरकार ने मान्यता दी है। कोविशील्ड को ब्रिटिश दवा कम्पनी एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर बनाया है। वहीं कोवैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने बनाया है। अभी और भी अनुसंधान चल रहे हैं। विदेश के कई अन्य वैक्सीन निर्माता भी भारत में अपनी वैक्सीन दे सकते हैं। इस पर बातचीत चल रही है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। भारत सरकार ने हाल ही में अमेरिका, जापान, इंग्लैंड, यूरोपीय संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूर वैक्सीन को भी कुछ शर्तों के साथ इमरजेंसी अप्रूवल देने का फैसला किया है। इसके साथ ही सरकार ने फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों से भी भारत में वैक्सीन उपलब्ध कराने की अपील की है। यह वैक्सीन अगले ही कुछ महीनों में भारत में उपलब्ध हो सकती हैं।
As mentioned above, there are two types of vaccines being introduced in India - (1) Covishield made at the Serum Institute of India in Pune and (2) The government has recognized Covaccine in India Biotech of Hyderabad. Covishield is co-founded by the British pharmaceutical company AstraZeneca with researchers from Oxford University. At the same time, Covaxin has been formed by Bharat Biotech in association with the Indian Council of Medical Research (ICMR). Still more research is going on. Many other foreign vaccine manufacturers may also offer their vaccines in India. Negotiations are going on. The Russian vaccine Sputnik V has been approved by the Government of India. The Indian government has recently decided to grant emergency approval to the vaccine approved by the US, Japan, England, the European Union and the World Health Organization with some conditions. Along with this, the government has also appealed to companies like Pfizer, Moderna, Johnson & Johnson to make the vaccine available in India. This vaccine may be available in India in the next few months.
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क्या सभी वैक्सीन का असर एक जैसा है (Do all vaccines have the same effect)-
सभी वैक्सीन कोरोना से बचाने की प्रभावशीलता अलग-अलग है। यह प्रभावशीलता 66% से लेकर 95% तक है, किंतु राहत की बात यह है कि टीकाकरण के बाद अगर किसी व्यक्ति को संक्रमण होता है तो वह गंभीर स्थिति तक नहीं पहुँचता। भारत में दोनों ही वैक्सीन गंभीर लक्षणों से बचाने में 100% प्रभावी है। इस वजह से विशेषज्ञों का कहना है कि सभी दोनों सभी लोगों को वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
The effectiveness of protecting all vaccines from corona varies. This effectiveness ranges from 66% to 95%, but the point of relief is that if a person has an infection after vaccination, he or she does not reach a critical condition. Both vaccines in India are 100% effective in protecting against severe symptoms. Because of this, experts say that everyone should get the vaccine.
क्या अलग-अलग टीके लगवाए जा सकते हैं (Can different vaccines be administered)-
जैसे पहला कोवैक्सीन का तो दूसरा कोविशील्ड का (First of covaxin and second of covshield)-
यह सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है कि कोरोना संक्रमण बचाव की वैक्सीन के दोनों डोज में भिन्न-भिन्न प्रकार की वैक्सीन लगवाई जाए। इस महामारी के बचाव हेतु वैक्सीनेशन के दोनों डोज में अलग-अलग प्रकार की वैक्सीन लगवाना हमारे लिए असुरक्षित है। यदि आप पहला टीका कोवैक्सीन का लगाते हैं तो दूसरा भी कोवैक्सीन का ही लगवायें। इसी तरह कोविशील्ड के पहले डोज के बाद दूसरा टीका भी कोविशील्ड का ही लगवाना चाहिए। आशय यह है कि वैक्सीन के दोनों डोज में एक समान ही वैक्सीन होना चाहिए।
It is not safety wise to apply a different type of vaccine to both doses of the corona infection prevention vaccine. It is unsafe for us to apply different types of vaccines in both doses of vaccination to prevent this epidemic. If you apply the first vaccine to covaxin, then get the second
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स्रोत- विकास संवाद ई-7/226, प्रथम तल, धन्वंतरि कांप्लेक्स के सामने, अरेरा कॉलोनी शाहपुरा, भोपाल, मध्य प्रदेश द्वारा कोविड जागरूकता के लिए प्रकाशित पत्रक।
आशा है यह लेख आप लोगों को कोविड-19 से सुरक्षा हेतु काफी उपयोगी लगा होगा।
धन्यवाद।
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
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