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कर्मचारियों/शिक्षकों के सेवाकाल से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियाँ || Important dates related to the tenure of employees/teachers

  • BY:
     RF Temre

किसी शासकीय या अशासकीय कर्मचारियों/शिक्षकों के लिए उसके सेवाकाल में नीचे दी गई तिथियाँ महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। क्रमशः इन का विवरण इस प्रकार है-

1. प्रथम नियुक्ति तिथि
2. पदभार/कार्यभार ग्रहण तिथि (विद्यालय/कार्यालय में)
3. परीवीक्षा समाप्ति तिथि
4. स्थानान्तरण तिथि
5. नवीन विद्यालय/कार्यालय में पदभार/कार्यभार ग्रहण तिथि
6. पूर्ण वेतनमान प्राप्ति तिथि
7. प्रथम क्रमोन्नति (क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्ति) तिथि
8. पदोन्नति तिथि
9. द्वितीय क्रमोन्नति (क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्ति) तिथि
10. समयमान वेतनमान तिथि
11. सेवानिवृत्ति तिथि

1. प्रथम नियुक्ति तिथि - यह वह तिथि होती है जब एक कर्मचारी को प्रथम बार शासकीय सेवा में किसी पद पर चयन हेतु सक्षम अधिकारी का नियुक्ति पत्र प्राप्त होता है। पत्र प्राप्ति के पश्चात कर्मचारी/शिक्षक अपने विभाग के वरिष्ठ/मुख्य कार्यालय में प्रथम बार पदभार ग्रहण करने हेतु प्रस्तुत होकर अपना पदभार ग्रहण करता है वही उसकी प्रथम नियुक्ति तिथि कहलाती है।
यहाँ स्पष्ट करना आवश्यक है कि केवल सक्षम अधिकारी द्वारा नियुक्ति पत्र मिल जाने पर पत्र की तिथि प्रथम नियुक्ति नहीं होती बल्कि जब कर्मचारी विभाग में जिस तिथि को प्रथम बार कार्यभार हेतु प्रस्तुत होता है और पदभार ग्रहण कर लेता है वही तिथि प्रथम नियुक्ति होती है।

2. पदभार/कार्यभार ग्रहण तिथि (विद्यालय/कार्यालय में) - उक्त बिन्दु में जिस प्रकार जानकारी दी गई है कि सक्षम अधिकारी द्वारा नियक्ति पत्र मिलने के पश्चात जिस तिथि को कर्मचारी संबंधित विभाग के कार्यालय या विद्यालय में जहाँ उसे कार्य करना होता है वहाँ उपस्थिति देकर अपना कार्यभार ग्रहण करता है वही उसकी पदभार ग्रहण तिथि होती है।

3. परीवीक्षा समाप्ति तिथि - कर्मचारी की जब किसी भी शासकीय विभाग में प्रथम बार नियुक्ति होती है, तो कर्मचारी के कार्य व्यवहार की जाँच हेतु उन्हें 3 से 5 साल की परिवीक्षा अवधि पर रखा जाता है। यदि परिवीक्षा अवधि के दरम्यान कर्मचारी का कार्य एवं उनका व्यवहार संतोषप्रद पाया जाता है तब उनकी इस अवधि को समाप्त कर नियमित वेतनमान पर पदस्थ कर दिया जाता है। जिस तिथि को कर्मचारी की परिवीक्षा अवधि समाप्त होती है उसी तिथि को परिवीक्षा समाप्ति तिथि कहा जाता है।

4. स्थानान्तरण तिथि - निश्चित ही एक कर्मचारी जब किसी विभाग में पदस्थ होता है तो समयानुसार उसे भिन्न-भिन्न कार्यालयों/विद्यालयों में आवश्यकतानुसार स्थानान्तरित किया जाता है। जिस तिथि को कर्मचारी का स्थानान्तरण का आदेश जारी होता है, उसी तिथि को स्थानान्तरण तिथि माना जाता है।

5. नवीन विद्यालय/कार्यालय में पदभार/कार्यभार ग्रहण तिथि - कर्मचारी या शिक्षक के द्वारा स्थानान्तरण हो जाने के पश्चात अपने नवीन कार्यालय या विद्यालय में जिस तिथि को पदभार कार्यभार ग्रहण किया जाता है उसी तिथि को विद्यालय या कार्यालय की कार्यभार पदभार ग्रहण तिथि कहते हैं।

6. पूर्ण वेतनमान प्राप्ति तिथि - कर्मचारी/शिक्षक के द्वारा परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने के पश्चात उसे जिस तिथि से पूर्ण वेतनमान प्राप्त होता है, उसी तिथि को पूर्ण वेतनमान प्राप्ति तिथि माना जाता है।

7. प्रथम क्रमोन्नति (क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्ति) तिथि - कर्मचारी या शिक्षक को प्रत्येक 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पश्चात क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाता है। यह वेतनमान जिस तिथि से कर्मचारी को प्राप्त होता है वही तिथि उस कर्मचारी की क्रमोन्नति तिथि कहलाती है।
क्रमोन्नत वेतनमान से आशय है- कोई कर्मचारी या शिक्षक जिस पद पर पदस्थ होता है उसका पद तो वही होता है अर्थात कर्मचारी जिस पद पर पूर्व में पदस्थ था उसी पद पर वर्तमान में ही कार्य करता है किंतु उसके वेतनमान का क्रम बदल कर उससे उपर के पद का वेतनमान प्राप्त होने लगता है जिसे की क्रमोन्नत वेतनमान कहा जाता है।

8. पदोन्नति तिथि - जैसा कि स्पष्ट है समय-समय पर कर्मचारियों/शिक्षकों की पदोन्नति होती है। अर्थात उनके पद में उन्नति होती है। जो कर्मचारी जिस पद पर होता है उसे उससे ऊपर के पद पर पहुँचाया जाता है। कर्मचारी का जब पद बदलता है और यह पद जिस तिथि को बदलता है उसी तिथि को पदोन्नति तिथि माना जाता है।
कभी-कभी पदोन्नति के साथ-साथ कर्मचारी अन्य कार्यालयों या विद्यालयों में स्थानान्तरित भी कर दिए जाते हैं। इस तरह कर्मचारी की पदोन्नति तिथि एवं स्थानान्तरण की थी एक ही होती है।

9. द्वितीय क्रमोन्नति (क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्ति) तिथि - जैसा कि ऊपर क्रमोन्नति तिथि के बारे में जानकारी दी गई है कि जब कर्मचारी 12 वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेता है तब उसे प्रथम क्रमोन्नति प्राप्त होती है। इसी तरह दूसरी बार जब कर्मचारी दूसरे क्रम में पुनः 12 वर्ष इस तरह कुल 24 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर लेता है तब उसे द्वितीय क्रमोन्नति अर्थात क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्त होता है। जिस तिथि से कर्मचारी को द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्त होने लगता है वही तिथि उसकी द्वितीय क्रमोन्नति तिथि कहलाती है।

10. समयमान वेतनमान तिथि - समयमान वेतनमान से आशय है कर्मचारियों के द्वारा लम्बे अरसे से किसी विभाग में सेवा दिए जाने के फलस्वरूप दिया जाने वाला वेतन लाभ है। कर्मचारी को समयमान वेतनमान उस समय मिलता है जब उसे सेवा करते हुए प्रथम, द्वितीय क्रमोन्नति अर्थात क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्त हो चुका है और उसके सेवाकाल की अवधि 30 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। इस तरह कर्मचारी या शिक्षक की सेवा को देखते हुए उसे समयमान वेतनमान प्रदान किया जाता है। जिस तिथि से यह वेतनमान प्राप्त होता है, उसी तिथि को समयमान वेतनमान तिथि कहा जाता है।

11. सेवानिवृत्ति तिथि - नाम से ही स्पष्ट है सेवा से निवृत्त होना अर्थात एक कर्मचारी किसी विभाग में कार्य करते हुए 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेता है उसके पश्चात उसे अपनी सेवा से मुक्त होना होता है। जिस तिथि को कर्मचारी सेवा से मुक्त होता है उसी तिथि को सेवानिवृत्ति तिथि या Retirement Date कहा जाता है।

इस तरह एक कर्मचारी या शिक्षक के सेवाकाल की उक्त महत्वपूर्ण तिथियाँ होती हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्र की भी कुछ तिथियाँ हो सकती हैं, जिनका विवरण यहाँ पर नहीं दिया गया है।

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आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
infosrf.com

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