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विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का अर्थ | vijayi vishva tiranga pyara arth

कविता - "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा"

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा। झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
सदा शक्ति बरसाने वाला, प्रेंम सुधा सरसाने वाला,
वीरों को हर्षाने वाला, मातृभूमि का तन-मन सारा।।
झंडा ऊंँचा रहे हमारा।।

स्वतंत्रता के भीषण रण में, लखकर जोश बड़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में, मिट जाये भय संकट सारा।।
झंडा ऊंँचा रहे हमारा।।

इस झंडे के नीचे निर्भय, रहें स्वतंत्र यह अविचल निश्चय,
बोलो भारत-माता की जय, स्वतंत्रता है ध्येय हमारा।।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।

आओ, प्यारे वीरों, आओ, देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ, प्यारा भारत देश हमारा।।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।

इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए,
विश्व विजय करके दिखालाएँ, तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।

vijayee vishva Tiranga pyara

कविता का भावार्थ

पद 1विजयी विश्व तिरंगा प्यारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
सदा शक्ति बरसाने वाला, प्रेंम सुधा सरसाने वाला,
वीरों को हर्षाने वाला, मातृभूमि का तन-मन सारा।।
झंडा ऊंँचा रहे हमारा।।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक भाषा-भारती के पाठ 1 विजयी विश्व तिरंगा प्यारा से ली गई है। इस गीत के रचनाकार श्री श्याम लाल पार्षद हैं।

प्रसंग- प्रस्तुत पद में कवि ने तिरंगे झंडे का गौरव गान करते हुए इसकी विशेषताओं के बारे में बताया है।

अर्थ- कवि कहते हैं कि यह तिरंगा झंडा सम्पूर्ण विश्व (संसार) पर विजय प्राप्त करने वाला है। यह ध्वज (झंडा) सदैव ऊँचा रहे। (यहाँ पर कवि तिरंगे झंडे को हमारे देश का गौरव प्रतीक मानते हुए कहते हैं कि यह सदैव ऊँचा रहे जिससे हमारे देश का मान सम्मान हमेशा बना रहे।) कवि तिरंगे झंडे का गौरव गान करते हुए कहते हैं कि यह झंडा हमेशा शक्ति प्रदान करने वाला है और प्रेम रूपी अमृत का संचार करने वाला है। यह ध्वज वीरों में आनंद पैदा करता है। यह हमारी मातृभूमि (भारत माता) का तन मन सर्वस्व है। हमारा यह झंडा सदैव ऊँचा रहे।

इस 👇कविता के अर्थ को भी जानें।
वर दे ! कविता (सरस्वती वन्दना) का अर्थ

पद 2 स्वतंत्रता के भीषण रण में, लखकर जोश बड़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में, मिट जाये भय संकट सारा।।
झंडा ऊंँचा रहे हमारा।।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती के पाठ 1 विजयी विश्व तिरंगा प्यारा से ली गई है। इस गीत के रचनाकार श्री श्याम लाल पार्षद हैं।

प्रसंग- प्रस्तुत पद में कवि ने तिरंगे झंडे का गौरव गान करते हुए इसकी विशेषताओं के बारे में बताया है।

अर्थ- कवि कहते हैं की स्वतंत्रता संग्राम की भयंकर लड़ाई में, वीरों के अंदर इसे देख देख कर प्रति-पल जोश पैदा होता है। इस तिरंगे झंडे को देखकर दुश्मन के मन में भय पैदा होता है। इस झंडे के कारण हम सभी के अंदर का सम्पूर्ण डर समाप्त हो जाता है। इस तरह यह झंडा हमारा सदैव ऊँचा रहे।

इस 👇 कविता के अर्थ को भी जानें।
'मत ठहरो तुमको चलना ही चलना है।'

पद 3 इस झंडे के नीचे निर्भय, रहें स्वतंत्र यह अविचल निश्चय,
बोलो भारत-माता की जय, स्वतंत्रता है ध्येय हमारा।।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती के पाठ 1 विजयी विश्व तिरंगा प्यारा से ली गई है। इस गीत के रचनाकार श्री श्याम लाल पार्षद हैं।

प्रसंग- प्रस्तुत पद में कवि ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य हेतु अपने मार्ग पर अडिग रहने को कहा है।

अर्थ- कवि कहते हैं कि इस झंडे की क्षत्रछाया में हम सब बिना भय के रहते हैं, हमें किसी प्रकार का भय नहीं रहता है। (कवि स्वतंत्रता सेनानियों से आग्रह करते हैं) हम अपने स्वतंत्रता प्राप्ति लक्ष्य के लिए निश्चय करके अडिग रहें। इस तरह कवि कहते हैं कि सब मिलकर बोलो, भारत माता की जय। हम सभी का उद्देश्य स्वतंत्रता प्राप्त करना है। यह हमारा झंडा हमारा ऊँचा रहे।

पद 4 आओ, प्यारे वीरों, आओ, देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ, प्यारा भारत देश हमारा।।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती के पाठ 1 विजयी विश्व तिरंगा प्यारा से ली गई है। इस गीत के रचनाकार श्री श्याम लाल पार्षद हैं।

प्रसंग- प्रस्तुत पद में कवि ने देश की स्वतंत्रता प्राप्ति एवं रक्षा के लिए आह्वान करते हुए अपने आप का बलिदान करने के लिए कहा है।

अर्थ- कवि इन पंक्तियों में वीर पुरुषों का आह्वान करते हुए कहते हैं कि हे वीरों! आओ और हमारे देश भक्ति (देश-प्रेंम) के धर्म पर बलिदान हो जाओ। आओ हम एक साथ मिलकर गाए, यह भारत देश हमारा है और हमारा यह झंडा सदैव ऊँचा रहे।

पद 5 इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए,
विश्व विजय करके दिखालाएँ, तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती के पाठ 1 विजयी विश्व तिरंगा प्यारा से ली गई है। इस गीत के रचनाकार श्री श्याम लाल पार्षद हैं।

प्रसंग- प्रस्तुत पद में कवि अपने तिरंगे झंडे के गौरव बनाये रखने के लिए आह्वान करते हैं।

अर्थ- कवि कहते हैं कि इस तिरंगे झंडे का गौरव कभी भी समाप्त न हो, भले ही हमारी जान चली जाए, हम बलिदान हो जाए। जब हम इस ध्वज के तले विश्व विजय करके दिखा देंगे तभी हमारी प्रतिज्ञा पूर्ण होगी। इस तरह यह झंडा हमारा सदैव ऊँचा रहे।

इस 👇 कविता का अभ्यास कार्य भी देखें।
1. विजयी विश्व तिऱंगा प्यारा प्रश्न उत्तर
2. प्रायोजना एवं व्याकरण- विजयी विश्व तिऱंगा प्यारा

इस कविता का अर्थ अच्छी तरह समझने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को अवश्य देखें।

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

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(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)

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