पाठ 2 "आकृतियों और कोण" - प्रमुख अवधारणाएँ एवं जानकारियाँ (सारांश) (कक्षा - 5) || Math Magic Class 5th Chapter 2 Figures and Angles
कक्षा 5 की 'गणित का जादू' पाठ्य पुस्तक के पाठ 2 'आकृतियाँ और कोण' पाठ में दी गई प्रमुख अवधारणाओं एवं जानकारियों का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है, जो विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी होगा।
1. बन्द आकृतियाँ - वे आकृतियाँ जो चारों ओर से अपनी भुजाओं द्वारा किसी स्थान को घेरकर बन्द कर देती हैं, उन्हें बन्द आकृतियाँ कहते हैं। जैसे- 🔲🔺⭕️
2. खुली आकृतियाँ - वे आकृतियाँ जिनकी भुजाएँ किसी स्थान को घेरती तो है किंतु अन्दर के स्थान में प्रवेश करने के लिए जगह खुली हो तो ऐसी आकृतियों को खुली आकृतियाँ कहते हैं। जैसे- ✔️✖️ V L Z
3. कोण - जब दो भुजाओं के एक-एक छोर आपस में मिले हुए हों और दूसरे दोनों छोर अलग-अलग दिशाओं में हों तो, मिले हुए छोरों के मध्य बने अन्तर को 'कोण' कहा जाता है। जैसे- < , > , ^ , ⟨
4. छोटा कोण बडा कोण - मिले हुए दोनों छोरों के मध्य ज्यादा अन्तर वाला कोण बड़ा एवं कम अन्तर वाला कोण छोटा होता है। जैसे- < छोटा कोण ⟨ बड़ा कोण।
5. कोण जाँचक (विभाजनी) - हमारे ज्यामिती बाक्स में दो टाँगों व नुकीली छोर वाले यंत्र को कोण जाँचक या विभाजनी कहते हैं। इसे अंग्रेजी में 'डिवाइडर' कहा जाता है। इसकी सहायता से छोटे बड़े कोणों का पता लगाया जाता है।
6. समकोण- यदि मिले हुए दो छोरों वाली भुजाओं की आकृति अंग्रेजी के कैपीटल लेटर L के समान हो तो ऐसी आकृति समकोण कहलाती है।
7. समकोण से कम - ऐसी आकृतियाँ जिनमें मिले छोरों के मध्य अन्तर L अक्षर की भुजाओं के बीच अन्तर से कम हो वे समकोण से कम अर्थात न्यूनकोण होते हैं। जैसे - A
Class 5th पर्यावरण अध्ययन (आस-पास) के पाठों की अवधारणाएँ
1. सारांश पाठ-1 'कैसे पहिचाना चींटी ने दोस्त को'
2. पाठ-2 'कहानी सपेरों की' मुख्य जानकारियाँ एवं अवधारणाएँ
8. समकोण से ज्यादा - ऐसी आकृतियाँ जिनमें भुजाओं के मिले हुए छोरों के बीच अन्तर अंग्रेजी के अक्षर L से अधिक हो वे समकोण से ज्यादा अर्थात 'अधिककोण' कहलाते हैं। उदाहरण - ⟩
9. अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में लोगों के प्रकार -(i) समकोण - E, F, H, L, T
(ii) न्यूनकोण (समकोण से कम) - A, K, M, N, R, V, W, X, Y, Z
(iii) अधिक कोण (समकोण से ज्यादा) - A, K, X
10. हमारे आसपास लोगों के उदाहरण - पक्षियों की चोंच, दो पत्तियों के मध्य, टेबिल के पहियों में, दरवाजे, खिड़की, संदूक, श्यामपट आदि के दो छोरों के बीच, पुस्तक, स्लेट की किनारी में, घड़ी के दो काँटों के मध्य, किसी भवन की दीवारों, फर्श आदि के छोरों के मध्य, हमारे हाथ में, फिशलन पट्टी, दीवार से लगी सीढ़ी आदि के मध्य कोण बनते हैं।
11. कोणों की माप - दो भुजाओं के चिपके छोरों के मध्य अन्तर को मापने के लिए कम्पास बाक्स में एक अर्धचन्द्र के समान आकृति वाला यंत्र होता है, जिसे डिग्री कहते हैं। इसकी सहायता से कोणों को मापा जाता है।
12. तीन भुजाओं से बनी बन्द आकृतियों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। इसके उदाहरण टावर लाइन, पुलों आदि में देखने को मिलता है।
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पाठ - 1 'मछली उछली' प्रमुख अवधारणाएँ
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
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(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
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