अ और आ के उच्चारण में अन्तर | उच्चारण में मुखाङ्गों का प्रयोग
इस भाग में अ और आ के उच्चारण में अन्तर | उच्चारण में मुखाङ्गों का प्रयोग की जानकारी दी गई है।
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Read moreइस भाग में 'अनुभाग', 'प्रभाग' एवं 'विभाग' शब्दों में अन्तर की जानकारी दी गई है।
Read moreअनुतान के प्रयोग से शब्दों या वाक्यों के भिन्न-भिन्न अर्थों की अनुभूति होती है। भाषा में अनुतान क्या होता है? अनुतान के उदाहरण, प्रकार एवं इसकी महत्ता की जानकारी पढ़े।
Read moreअ और आ दोनों स्वर वर्णों का उच्चारण स्थान कण्ठ है अर्थात ये दोनों वर्ण कण्ठ्य वर्ण हैं। इनकी विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है।
Read moreआचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित निबंध : बौद्धकालीन भारत में विश्वविद्यालय― तक्षशिला, नालंदा, श्री धन्यकटक, ओदंतपुरी विक्रमशिला।
Read moreहिन्दी साहित्य का इतिहास - आधुनिक काल (सन् 1843 स अब तक) भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावादी युग, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता का युग।
Read moreहिन्दी साहित्य के इतिहास के अन्तर्गत रीतिकाल (सन् 1643 से 1843 ई० तक) का वर्णन पढ़ें।
Read moreभक्ति काव्य धारा - [१] निर्गुण-भक्ति काव्य-धारा। (अ) ज्ञानाश्रयी निर्गुण भक्ति काव्य-धारा। (ब) प्रेंमाश्रयी निर्गुण-भक्ति काव्य-धारा। [२] सगुण भक्ति काव्य-धारा (अ) कृष्ण भक्ति धारा (ब) राम भक्ति धारा।
Read moreहिन्दी साहित्य का आधुनिक युग से पूर्व का इतिहास प्रमुख रूपेण पद्म साहित्य का ही इतिहास है।
Read moreगद्य की प्रकीर्ण विधाओं में जीवनी, आत्मकथा, यात्रावृत्त, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, डायरी, भेंटवार्ता, पत्र साहित्य आदि मुख्य हैं।
Read moreनिबंध गद्य लेखन को एक उत्कृष्ट विधा है। आचार्य शुक्ल के अनुसार - "यदि गद्य कवियों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है।"
Read moreमानव स्वभावतः अपने भाव दूसरों के समक्ष प्रस्तुत करना चाहता है। उसकी प्रवृत्ति ने कहानी को जन्म दिया होगा। दूसरा पक्ष यह है कि मनुष्य स्वभावतः जिज्ञासु होता है। वह अधिकाधिक जानना चाहता है।
Read moreउपन्यस्येत इति उपन्यास:" उपन्यास शब्द का अर्थ है सामने रखना "उपन्यास प्रसादनम्" उपन्यास का अर्थ है किसी वस्तु को इस प्रकार से संजोकर रखना जिससे दूसरे उसे देखकर प्रसन्न हों।
Read moreनाटक और एकांकी के तत्व समान हैं, एकांकी में एक ही अंक, एक घटना, एक कार्य और एक ही समस्या होती है, फिर भी इसे नाटक का लघु रूप नहीं कहा जा सकता है। यह एक स्वतन्त्र विधा है।
Read moreनाटक गद्य विधा एवं इसके तत्व - कथावस्तु, चरित्र-चित्रण, शैली, कथोपकथन, अभिनेयता, गीतात्मकता। नाटक के विकास युग - भारतेंदु, प्रसाद, प्रसादोत्तर युगीन नाटक।
Read moreआलोचना' शब्द का शाब्दिक अर्थ है "किसी वस्तु को भली प्रकार से देखना।" किसी साहित्यिक रचना को अच्छी तरह परीक्षण कर उसके गुण-दोषों को प्रकट करना हो आलोचना करना या समीक्षा करना कहलाता है।
Read moreहिन्दी के गद्य साहित्य की विधाओं को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है। एक वर्ग "प्रमुख" विधाओं एवं दूसरा "गौण" (प्रकीर्ण) विधाओं का है।
Read moreहिन्दी गद्य साहित्य के विकास क्रम को चार युगों में बाँटा जा सकता है - भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावादी युग एवं छायावादोत्तर युग।
Read moreजब किसी शब्द में 'र' वर्ण के पूर्व कोई आधा वर्ण प्रयुक्त होता है तब 'र' का स्वरूप बदलकर उसी आधे वर्ण नीचे तिरछी रेखा (क्र) के रूप में प्रयुक्त होता है।
Read moreपत्र लेखन हिन्दी एक महत्वपूर्ण विधा है। पत्र कई तरह की होते हैं जिनमें सरकारी पत्र का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
Read moreअनुस्वार युक्त एकल (एक अकेले) वर्ण का उच्चारण (वर्तनी) नहीं कर सकते हैं क्योंकि अनुस्वार (बिन्दु) का प्रयोग पंचम वर्ण के स्थान पर किया जाता है।
Read moreकक्षा 5 की भाषा-भारती के पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' के अनछुए बिंदुओं को यहाँ स्पष्ट किया गया है जोकि प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
Read moreहिन्दी वर्णमाला के वे वर्ण जिनमें दो व्यन्जन वर्णों का उच्चारण एक साथ किया जाता है अर्थात दो व्यन्जन वर्ण पास-पास में प्रयुक्त होते हैं, जिनके मध्य कोई स्वर वर्ण या ध्वनि का प्रयोग नहीं होता है तो ऐसे वर्णों को संयुक्त व्यन्जन वर्ण कहते हैं।
Read more"वन्दे मातरम्" राष्ट्रीय गीत की प्रारंभिक पंक्तियाँ जो कि विद्यालयों में प्रातः कालीनया सायं कालीन प्रार्थना सभा में गाई जाती है का हिन्दी अनुवाद पढ़ें।
Read moreटीसी गुम हो जाने पर उसकी द्वितीय प्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र प्राचार्य या संस्था प्रमुख को कैसे लिखा जाता है?
Read moreकार्यालयों में फाइलिंग जिसे हिंदी में नस्तीकरण कहा जाता है। यहाँ इसके प्रकार, उपयोगिता एवं आवश्यकता के जानें।
Read moreस्थानांतरण प्रमाण पत्र (TC) के लिए संस्था/विद्यालय प्रमुख को आवेदन पत्र लिखा जाता है। आवेदन का एक निर्धारित प्रारूप होता है। यहाँ निर्धारित प्रारूप को देखें।
Read moreअलग-अलग कारणों को लेकर विद्यार्थियों द्वारा लिखे जाने वाले अवकाश हेतु आवेदन पत्र (Application for Leave) इस प्रकार हैं।
Read moreधातु किसे कहते हैं, हिन्दी की क्रियाओं के अन्त में 'ना' क्यों जुड़ा होता है, मूल धातु एवं यौगिक धातु क्या है?
Read moreस्वास्थ्य खराब होने पर अपने कक्षा अध्यापक को छुट्टी के लिए आवेदन पत्र कैसे लिखें? (Application for leave to class teacher)
Read moreनिरनुनासिक का पूरा अर्थ होगा ऐसा उच्चारण जो नाक से न होते हुए केवल मुँह से हो।
Read moreहिन्दी भाषा की वाक्य रचना में क्रिया शब्द के स्थान पर 'हैं' और 'है' का प्रयोग होता है। ये दोनों शब्द मुख्य क्रिया और कभी सहायक क्रिया के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
Read more'पर्याय' शब्द का आशय होता है 'वैसा ही' या 'उसी तरह का'। सामान्य अर्थ देखें तो 'पर्याय' शब्द का मायना 'समान अर्थ वाला' होता है।
Read moreजब दो या दो से अधिक शब्दों का सम्बन्ध प्रकट किया जाता है, वहाँ योजक चिह्न (-) लगाया जाता है।
Read moreरचना के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं– 1. अकर्मक क्रिया 2. सकर्मक क्रिया। जिन क्रियाओं के लिये कर्म की आवश्यकता नहीं होती अकर्मक क्रिया कहलाती है।
Read moreविद्यार्थियों के हिन्दी ज्ञान को परखने के लिए अपठित गद्यांश दिए जाते हैं। विद्यार्थियों को अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक हल करना चाहिए।
Read moreकिसी भी परीक्षा में हिन्दी भाषा ज्ञान को परखने के लिए अपठित गद्यांश, सूचनाएँ, पोस्टर्स, समय तालिका आदि दी जाती हैं।
Read moreकाव्य, दृश्य काव्य, प्रबंध काव्य, मुक्तक काव्य, पाठ्य मुक्तक, गेय मुक्तक, नाटक, एकांकी आदि काव्य के प्रकार हैं।
Read moreजब किसी काव्य की पंक्तियों को पढ़कर मन में जो भाव जाग्रत होते हैं जिससे एक प्रकार की अनुभूति होती है तो ये मन के भाव ही रस कहलाते हैं।
Read moreराष्ट्रभाषा जहाँ अन्य भाषा-भाषी राज्यों के बीच सेतु का काम करती है वहीं राजभाषा, राज्य के प्रशासनिक काम-काज को भाषा है।
Read moreपुनरुक्त शब्दों को चार श्रेणियों में रखा जा सकता है– 1. पूर्ण पुनरुक्त शब्द 2. अपूर्ण पुनरुक्त 3. प्रति ध्वन्यात्मक पुनरुक्त शब्द 4. भिन्नात्मक पुनरुक्त शब्द।
Read moreकहानी की विकास यात्रा को चार वर्गों में बाँट सकते हैं– 1. प्रेमचंद पूर्व की कहानी 2. प्रेमचंद काल की कहानी 3. प्रेमचंदोत्तर कहानी 4. नई कहानी।
Read moreउपन्यास शब्द का अर्थ है सामने रखना। उपन्यास मानव जीवन का समग्र चित्रण है। इसमें कई प्रासंगिक कथाओं तथा घटनाओं का वर्णन रहता है।
Read moreएकांकी एक अंक का दृश्य-काव्य है जिसमें एक कथा तथा एक उद्देश्य को कुछ पात्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।
Read moreनाटक एक ऐसी अभिनय परक विधा है जिसमें सम्पूर्ण मानव जीवन का रोचक एवं कुतूहल पूर्ण वर्णन होता है। यह एक दृश्य काव्य है।
Read moreफारसी या उर्दू में प्रेंम विषयक काव्य गीत 'गज़ल' कहलाती है।
Read moreकिसी शब्द की एकसाथ दो बार आवृत्ति होती है तो ऐसे शब्द को पुनरुक्त शब्द कहते हैं।उदाहरण– धीरे-धीरे।
Read moreलोकोक्ति पूर्ण होती है जबकि मुहावरा वाक्यांश होता है। लोकोक्ति पूर्ण स्वतंत्र होती है, जबकि मुहावरा पूर्ण स्वतंत्र नहीं होता।
Read moreदैनिक जीवन में प्रयुक्त शब्द संस्कृत शब्दावली का ज्ञान आवश्यक है क्योंकि संस्कृत हमारी देव भाषा है। आइए संस्कृत शब्दों को जानते हैं।
Read moreप्रश्नवाचक चिन्ह से हम परिचित हैं। विस्मयादिबोधक चिन्ह प्रसन्नता, आश्चर्य, घृणा आदि के भावों स्पष्ट करने में सहायक होते हैं।
Read moreलिखित जानकारी के भाव को ग्रहण करने में विराम चिह्न अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Read moreजब वाक्य में कर्ता और क्रिया की उचित अन्विति अर्थात परस्पर मेल या संबद्धता नहीं होती है तो वाक्य का सार्थक अर्थ ग्रहण करने में काफी कठिनाई होती है।
Read moreसामान्यतः वाक्य भेद दो दृष्टियों से किया जाता है - 1. अर्थ की दृष्टि से 2. रचना की दृष्टि से। अर्थ की दृष्टि से वाक्य के 8 प्रकार हैं।
Read moreपत्र लेखन अनेक प्रकार से होता है, जिसमें, आदेशात्मक, निवेदनात्मक, सूचनात्मक, विवरणात्मक, व्यावसायिक आदि पत्र होते हैं।
Read moreअलंकार का सामान्य अर्थ है, 'आभूषण' या 'गहना'। अलंकार और अलंकार के भेद- अलंकार के तीन प्रकार- शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार हैं।
Read moreविराम का मूल अर्थ - रुकना, ठहराव, आराम की स्थिति है। हिन्दी में विराम चिन्हों का प्रयोग इसके महत्व एवं प्रकार को जानेंगे।
Read moreकाव्यशास्त्र के नियमानुसार जिस काव्य में मात्रा, वर्ण संख्या, गण, यति, गति, लय तथा तुक आदि नियमों का विचार करके शब्द योजना की जाती है, उसे 'छंद' कहते हैं।
Read moreरस के प्रकार 10 हैं। कार्य या साहित्य को पढ़ने, सुनने या देखने से पाठक, श्रोता या दर्शक को जिस आनंद की अनुभूति होती है, उसे 'रस' कहते हैं।
Read moreहिन्दी साहित्य के कुछ लेखकों यथा - आचार्य रामचंद्र शुक्ल, उषा प्रियंवदा, उदय शंकर भट्ट, डॉ. रघुवीर सिंह, शरद जोशी, रामनारायण उपाध्याय का परिचय यहाँ दिया गया है।
Read moreहिन्दी साहित्य के कवि परिचय में - सूरदास, तुलसीदास, केशवदास, मीराबाई, कबीर दास, मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद का परिचय यहाँ दिया गया है।
Read moreकाव्य के प्रकारों में मुख्य दो प्रकार हैं- 1. श्रव्य काव्य 2. दृश्य काव्य। श्रव्य काव्य के दो प्रकार हैं- 1. प्रबंध काव्य, 2. मुक्तक काव्य।
Read moreहिंदी साहित्य के इतिहास को चार भागों में विभाजित किया गया है- 1. आदिकाल (वीरगाथाकाल) 2. पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल) 3. उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल) 4. आधुनिक काल में बाँटा गया है।
Read moreगद्य साहित्य की गौण विधाओं में जीवनी, आत्मकथा, आलोचना, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, यात्रा-साहित्य, पत्र-साहित्य, साक्षात्कार-साहित्य, गद्य काव्य, डायरी, लघु कथा आदि सम्मिलित हैं।
Read moreहिन्दी गद्य की प्रमुख विधाएँ निम्नलिखित हैं― निबंध, नाटक, एकांकी, उपन्यास, कहानी। इस विधा के प्रमुख रचनाकार एवं उनकी रचनाएँ भी वर्णित की गई हैं।
Read moreछुट्टी के लिए प्रधान अध्यापक को आवेदन पत्र का लिखना प्राथमिक स्तर पर ही विद्यार्थियों को सिखाया जाता है।
Read moreप्राथमिक शाला में अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु पाठशाला का निबंध कैसे लिखें यह जानकारी आवश्यक होती है।
Read moreहिन्दी में पत्र लेखन विधा- 'माताजी को पत्र' का अपना एक स्थान है। पत्र लेखन का ज्ञान विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है।
Read moreप्राथमिक शाला में अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु निबंध लेखन की जानकारी आवश्यक होती है।गाय का निबंध लिखने के प्रमुख चरण हैं।
Read moreपिता को पत्र कैसे लिखें? इस हेतु सर्वप्रथम यहाँ पिता को पत्र का आदर्श प्रारूप प्रारंभ में बताया गया है।
Read moreहिन्दी भाषा के व्याकरण के अन्तर्गत पर्यायवाची शब्द का आशय, उदाहरण एवं सूक्ष्म अन्तर को स्पष्ट किया गया है।
Read moreअनेक शब्दों के स्थान पर यदि एक सार्थक शब्द जिसे समग्र शब्द भी कहते हैं, इसका प्रयोग होता है तो भाषा बहुत ही उत्तम तथा भावपूर्ण हो जाती है।
Read moreनाम से ही स्पष्ट है, अनेकार्थी = अनेक+अर्थी अर्थात ऐसे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ हों, अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं।
Read moreऐसे शब्द जिनका साधारणतया एक ही अर्थ होता है, कोई दूसरा अर्थ प्रकट नहीं होता ऐसे शब्दों को एकार्थी शब्द कहते हैं।
Read moreसर्वनाम के प्रकार- हम, तू, तुम, वह, यह, आप, कौन, कोई, जो आदि सर्वनाम शब्द हैं। जैसे– (i) मोहन विद्यालय जाता है। (ii) वह कक्षा छठवीं पढ़ता है।
Read moreद्विज, पंकज, नीरज, जलज, सरोज, आत्मज, वातज, पित्तज, पादज, गतिज आदि शब्दों अंत में 'ज' का प्रयोग होता है। 'ज' अर्थात 'जायते' जिसका अर्थ जन्म लेना।
Read more'अभिज्ञ' एवं 'भिज्ञ' इन दोनों शब्दों का सामान्य अर्थ है— किसी विषय या क्षेत्र का जानकार या ज्ञानी (जानकारी रखने वाला) किंतु इन दोनों शब्दों में सूक्ष्म अंतर है।
Read more(1) दुख — प्रतिकूल (विपरीत), हानिकारक (नुकसानदेह) बातों या क्रियाकलापों के कारण उत्पन्न हुई मानसिक अनुभूति को दुख कहा जाता है।
Read moreअर्थ के आधार पर शब्दों के प्रकार के दो खण्ड किए जा सकते हैं। 'खंड 1' में साहित्य शास्त्रियों एवं विद्वानों ने तीन भेद किए हैं।
Read moreमित्र को एक पत्र लिखिए जिसमें आपने कोरोना वायरस के दौरान क्या-क्या किया, सम्पूर्ण वर्ष स्कूल गए बगैर भी आपने अपनी पढ़ाई कैसे की।
Read moreरचना अर्थात बनावट के आधार पर शब्दों के तीन भेद हैं–
Read moreदेशज शब्द – वे शब्द जिनकी बनावट (रचना) का पता नहीं चलता और जो न तो संस्कृत भाषा के हैं और न ही विदेशी भाषाओं से आए हैं। ऐसे शब्द अपने ही देश की उपज हैं अर्थात अपने ही देश में बोलचाल से बने हैं जिन्हें देशज या देशी शब्द कहा जाता है।
Read moreहिंदी व्यंजनों का वर्गीकरण - व्यंजनों के प्रकार - प्रयत्न के आधार पर – 1.स्पर्श व्यंजन 2. संघर्षी व्यंजन 3. स्पर्श संघर्षी व्यंजन इसी तरह अन्य प्रकार भी हैं।
Read moreऐसे वर्ण जो बिना स्वरों की सहायता के उच्चारित नहीं हो सकते, जिनके उच्चारण में वायु मुख से अबाध गति से नहीं निकलती, व्यंजन वर्ण कहलाते हैं।
Read more'किंतु' एवं 'परंतु' दोनों शब्द समानार्थक हैं। इनका प्रयोग वाक्य में किसी कार्य के पूर्ण होने या न होने का कारण बताने के लिए इन शब्दों के बाद आगे की बात कही जाती है।
Read more[अ] उच्चारण स्थान के आधार पर 'स्वरों' के प्रकार- 'संस्कृत' एवं 'हिन्दी' (1) कंठ्य - 'अ', 'आ' (2) तालव्य- 'इ', 'ई' (3) ओष्ठव्य - 'उ', 'ऊ' (4) कंठ-तालव्य- 'ए', 'ऐ' (5) कंठोष्ठय - 'ओ', 'औ' (6) मूर्धन्य- 'ऋ', 'ऋ' (7) दंत्य - 'लृ', 'लृ' [ब] जिह्वा के व्यवहृत भाग के आधार पर स्वरों का वर्गीकरण-
Read more'वर्ण' बोला जाने वाला छोटा से छोटा टुकड़ा है, किंतु 'अक्षर' समझा जाने वाला छोटे से छोटा टुकड़ा होता है। जैसे कि 'अ', 'आ', 'इ', 'उ' को हम बोल सकते हैं, किंतु इनका छोटा अंश नहीं हो सकता।
Read moreहिंदी ध्वनियों का वर्गीकरण - सामान्यतः उच्चारण स्थान और उच्चारण की रीति की दृष्टि से किया जाता है। इसी तरह संकट एवं अंग्रेजी में भी वर्णों के भेद निम्नानुसार हैं। "स्वयं राजन्ते इति स्वराः।"
Read moreहिन्दी भाषा में कुछ शब्द - जैसे सन्सार, सन्मेलन, अन्श, अन्स,आसंन, सन्मति,जंम/जम्म, समंवय, सामांय, कंया शब्द अशुद्ध है। इन्हें शुद्ध रूप में कैसे लिखें -----
Read moreव्याक्रियते भाषा अनेन इति व्याकरणम'।अर्थात जिस विद्या से भाषा की व्याख्या अर्थात उसका विश्लेषण होता है, उसे व्याकरण कहते हैं। Grammar refers to the manner of speaking or writing a language.
Read moreआरंभ :-जब किसी कार्य की शुरुआत प्रथम बार (कार्य का 'आदि') की जाती है तो उसके लिए 'आरंभ' शब्द का प्रयोग किया जाता है।
Read moreआदि और इत्यादि शब्द का प्रयोग, किसी वाक्य में बहुत से संज्ञा शब्दों के एक साथ आने पर करते हैं। किंतु आदि शब्द एवं इत्यादि शब्दों के प्रयोग की स्थितियां अलग-अलग होती है।
Read moreपरिचय हेतु पत्र कैसे लिखते हैं? ऐसा पत्र जिससे पत्रवाहक से पत्र प्राप्तकर्ता का परिचय हो वह परिचय का पत्र कहलाता है।
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