भारत का भूगोल : प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का अपवाह तंत्र
Geography of India: Drainage system of rivers of peninsular India.
प्रायद्वीपीय भारत का पश्चिमी घाट एक प्रमुख 'जल विभाजक' है। यह घाट अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों को विभाजित करता है। भारत के प्रायद्वीपीय पठार का सामान्य ढाल पूर्व तथा दक्षिण पूर्व की ओर है। अतः प्रायद्वीपीय भारत की अधिकांश नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलती हैं तथा अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरती है। ये नदियाँ डेल्टा भी बनाती है। प्रायद्वीपीय भारत की दो नदियाँ अपवाद हैं। ये हैं: नर्मदा और ताप्ती। यह दोनों बंगाल की खाड़ी में ना गिरकर अरब सागर में विसर्जित हो जाती हैं। इसका कारण यह है कि ये दोनों नदियाँ 'भ्रंश घाटी' से होकर बहती है तथा 'डेल्टा' के स्थान पर 'ज्वारनदमुख' का निर्माण करती हैं। नर्मदा और ताप्ती नदी घाटियों को 'पुरानी रिफ्ट घाटी' कहा जाता है। प्रायद्वीपीय भारत की द्रोणियाँ आकार में छोटी हैं। हिमालय के अपवाह तंत्र की अपेक्षा प्रायद्वीप का अपवाह तंत्र अधिक पुराना है। दक्षिण भारत में नदियाँ मुख्यतः वृक्ष आकार के अपवाह तंत्र का निर्माण करती है।
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